हमारे पड़ोस में एक लड़का रहता है पप्पू
पप्पू कक्षा 5 वीं में पढ़ रहा है।
यह पप्पू इतना भी पप्पू नहीं है, बल्कि बहुत होशियार और चंट है।
उसने केवल एक ही निबंध याद कर रखा है।
वह निबंध है "हमारी गाय'।
पप्पू के टीचर और माता पिता ने भी उसे खूब समझाया कि बेटा दूसरे विषयों पर भी निबंध लिखते आना चाहिये, उनकी भी तैयारी रखो। परंतु पप्पू ने उस ओर कान नहीं दिया और कहा "परीक्षा तो आने दो, मेरा मै देख लूंगा, आप मेरी चिंता मत कीजिये।
आखिर जो होना था वहीं हुआ, परीक्षा में हिंदी के पेपर में गाय के ऊपर निबंध लिखने की बजाय विषय था -"मेरी विमान यात्रा" !
विषय को देख कर पप्पू ने बगैर जरा भी घबराये निम्न प्रकार से अपना निबंध लिखा -मेरी विमान यात्रा
मुझे विमान में बैठने का बड़ा शौक है, इसलिये मैंने पिताजी को मनाया कि इस बार हम छुट्टियों में हमारे गांव विमान से चलेंगे ।मैं विमान में बैठने के लिए बहुत उत्सुक था। हम विमान के स्टैंड पर जा पहुंचे। पिताजी गांव में ओहदेदार अफसर थे इस लिए सारे लोग उन्हें जानते थे। वहाँ पहुँचते ही वहाँ के संतरी ने मुस्कुराकर हमारा स्वागत किया और प्रतीक्षालय में बैठने के लिये कहा। विमान स्टैंड पर लगते ही सभी पेसेंजर धक्कामुक्की करके विमान में चढ़ने लगे। हम भी जैसे तैसे करके विमान में बैठ गये। मैं हठ कर के खिडकी के पास वाली सीट पर बैठ गया। विमान चालू होने के पहले पिताजी ने मुझे अपना बेल्ट कसकर बांधने को कहा। मैंने भी तुरंत अपनी नेकर का बेल्ट अच्छे से कस लिया।
कुछ ही देर बार विमान चालू हुआ और धीरे-धीरे आगे की ओर सरकने लगा। मैं खिड़की में से बाहर के मजे लेने लगा। अब चारों ओर गांव दिखाई देने लगा था। गाँव के रास्ते दिखाई दे रहे थे । कुछ ही मिनटों में विमान गांव से बाहर निकल आया । नीचे खेत-खलिहान नजर आने लगे। एक खुले मैदान में गायें चरती दिखाई दे रहीं थी। दूर होने से वे बहुत छोटी-छोटी बकरियों जैसी दिखाई पड़ रही थी।
गाय से याद आया गाय एक पालतू पशू है। हमारी गाय भी एक पालतू गाय है। उसका नाम कपिला है। उसके चार पैर है, दो पैर आगे और दो पीछे । उसके पीछे के पैरों के पीछे एक पूँछ है और आगे के पैरों के आगे एक सिर है। सिर पर दो सींग हैं। कोई कुत्ता जब पास आता है तब वह अपने सींगों से उसे डराकर दूर भगाती है। पूँछ का उपयोग वह मक्खियां उड़ाने के लिए करती है। मक्खियां गोबर पर बैठती हैं । स्कूल जाते समय जब कभी मेरा पैर गोबर पर पड़ जाता है तो मेरे सारे दोस्त "हैप्पी बड्डे का केक कट गया' कहकर जोरों से तालियाँ बजाते है। लेकिन हैप्पी बड्डे को मैं सचमुच का केक काटता हूँ। तब मुझे बहुत सारी गिफ्ट मिलती हैं। इसलिये मैं पिताजी से कहनेवाला हूँ कि हर महिने मेरा हैप्पी बड्डे मनाया करें। गाय की आवाज बस के हॉर्न जैसी भ्रांऽऽऽ करके आती है। जब हमारी गाय रास्ते में आवाज निकालती है तब सारे लोग पीछे से बस आ रही है ये सोच कर रास्ते से हट जाते हैं और जब देखते है कि गाय है तब उनके फजितवाड़े हो जाते है। खैर...
कुछ ही देर में हमारा गांव आ गया। हम हमारी विमान ट्रेवल्स की बस से उतर गये और दादाजी के घर की ओर चल पड़े। इस प्रकार से हमारा विमान प्रवास पूर्ण हुआ।
आशा है आपको पप्पू के इस निबंध को पढ़कर आनंद आया होगा...
साभार : सोशल मीडिया