सेंव-इंदौरी
तर्ज- ओ साथी रे... तेरे बिना भी क्या जीना
ओ इन्दोरी रे ...
सेंव बिना भी क्या जीना!
पोहे-कचोरी में
उसल की तर्री में
सेंव बिना टेस्ट कहीं ना...
सेंव बिना भी क्या जीना
तुझ बिन फीकी मेरी सब्जी
तुम बिन फीके पोहे सारे
मेरा भोजन फीका फीका
बुझे-बुझे से ये चटखारे
तेरे बिना मेरी.... ओ..ओ
तेरे बिना मेरी, तेरे बिना मेरी
ये जीभ न माने चटोरी ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ इंदौरी रे.... सेंव बिना भी क्या जीना।
पप्पू पानीपुरी