शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ. हेमलता दीखित( दिखित) की स्मृति में स्थापित साहित्य सम्मान शहर की उदीयमान साहित्यकार सीमा व्यास को दिया गया। यह सम्मान श्रीमती आर्यमा सान्याल के सौजन्य से प्रतिवर्ष नवोदित साहित्यकार को प्रदान करना सुनिश्चित हुआ है।
प्रथम बार रचनाकार सीमा व्यास का चयन किया गया है। 12 सितंबर 2021 को मध्यभारत साहित्य समिति के तत्वावधान में सांसद माननीय शंकर लालवानी, कवि सरोज कुमार और साहित्यकार सत्यनारायण सत्तन के हाथों यह सम्मान सीमा व्यास ने ग्रहण किया।
ज्ञातव्य है कि सीमा व्यास ने लघुकथा, कहानियां, और संस्मरण आदि लिखकर शहर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वे साक्षरता और शिक्षा से जुड़े अभियानों में उल्लेखनीय योगदान दे चुकी हैं। वर्तमान में शारदा मठ में प्राचार्या के पद पर हैं। निरंतर और सधा हुआ लेखन उनकी विशिष्ट पहचान है।
महिला सशक्तिकरण, लोक कला, लोक साहित्य आदि के संवर्धन में वे स्वप्रेरित होकर कार्य करती रही हैं।
इस अवसर पर रचनाकार सीमा व्यास ने कहा कि अनायास मिले इस सम्मान पर मुग्ध हूं। मित्रों की उपस्थिति से मिले स्नेह के प्रति गदगद हूं। दुनिया में जब तक डॉ. हेमलता दिखित दीदी जैसे व्यक्तित्व होते रहेंगे, जो आर्यमा सान्याल जी जैसी व्यस्त अधिकारी को भी साहित्य से सतत जोड़े रखें, तब तक मेरे जैसे सीधीसादा लिखनेवाले मान पाते रहेंगे। मुझे लगता है साहित्य को शोर की जरूरत नहीं है। चुपचाप लिखते रहिए, कोई गुपचुप आपको पढ़-गुन रहा है। पता नहीं, आपका लिखा कब,किसके दिल में उतर जाए। इस सम्मान हेतु मुझे चुना, इसके लिए हृदय से आभारी हूं।