अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़े हैं हिन्दी के पाठक एवं लेखक - प्रियंका ओम
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम ने ‘सृजनात्मक लेखन’ विषय पर जहां अपने विचार रखें वहीं आज 3 जून को मुंबई के वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर विवेक अग्रवाल ‘वैश्विक आतंकवाद और मीडिया’ विषय पर लाइव होंगे।
हिन्दी कोई नहीं पढ़ता, यही मानसिकता हिन्दी के लेखन एवं अध्ययन में सबसे बड़ी बाधा है। यह मानसिकता छोड़नी होगी। आज हिन्दी में पढ़ने का चलन खूब बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के पाठक एवं लेखक बढ़े हैं। यह कहना है, युवा कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम का।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत उन्होंने विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर तंजानियां से लाइव होकर अपना व्याख्यान दिया।
कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम ने कहा कि लेखन की भाषा-शैली में लगातार परिवर्तन होता है। आज जिस भाषा-शैली में लिखा जा रहा है, निश्चित ही आने वाले समय में उसमें बदलाव आएगा। कई लोग यह प्रश्न उठाते हैं कि वर्तमान लेखन में अंग्रेजी शब्दों की भरमार है। उनका गैर-जरूरी उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, अंग्रेजी के शब्दों का उपयोग पहले भी किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा को कमतर नहीं समझना चाहिए।
हिन्दी से मुंह मोड़ना एक तरह से अपने भाई-बहनों से मुंह मोड़ने जैसा है। दुनिया के सभी देश अपनी मातृभाषा में गर्व के साथ बात करते हैं। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि जब वे तंजानियां पहुंची थी तो शुरुआत के कुछ महीने तो उन्होंने अंग्रेजी में संवाद करके काम चला लिया। लेकिन बाद में वहां के दुकानदार, वाहन चालक एवं अन्य लोग उनकी भाषा सीखने का आग्रह करने लगे। उनका कहना था कि उन्हें अंग्रेजी की अपेक्षा अपनी मातृभाषा में संवाद करना अच्छा लगता है।
सुश्री ओम ने कहा कि जो युवा साहित्य के क्षेत्र में आना चाहते हैं, उन्हें लिखने के साथ-साथ बहुत पढ़ना चाहिए। अपने वरिष्ठ लेखकों का लिखा हुआ साहित्य पढ़ना चाहिए, उससे उन्हें भाषा, शिल्प और कथ्य की समझ आएगी। बिना पढ़े लिखना सफलता नहीं दिला सकता।
‘वैश्विक आतंकवाद और मीडिया’ पर चर्चा :
‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत 3 जून को शाम चार बजे मुंबई से वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर एवं लेखक विवेक अग्रवाल ‘वैश्विक आतंकवाद और मीडिया’ विषय पर चर्चा करेंगे। अग्रवाल ने मुंभाई, मुंभाई रिटर्न, खेल खल्लास, नरक सरहद पार और मुठभेड़ जैसी चर्चित पुस्तकें लिखी हैं। उनका व्याख्यान विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर लाइव रहेगा।
कुलसचिव - डॉ. अविनाश वाजपेयी
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