धार जिले की तहसील मनावर में रावण दहन के पूर्व दो रावण श्रंगारित हो कर निकाले जाते हैं। एक खास बात यह है कि यहां रावण जो बना होता है, उसकी पूजा होती तथा शराब का भोग चढ़ाया जाता है, आरती उतारी जाती है।
पूरे नगर में रावण के भ्रमण व नृत्य प्रदर्शन का हजारों की संख्या में लोग आनंद लेते हैं व सम्मान करते हैं। इस प्रथा को 60 वर्ष से भी अधिक समय से कहार और हरिजन समाज ने निरंतर जारी रखा है। कहने का मतलब यह है कि मंचीय कला रामलीला को प्रदर्शन का रूप देकर विजयादशमी में विजय का अर्थ बताते आ रहे हैं। इसके बाद ही कागज से बने रावण का दहन किया जाता है।