न्यूयॉर्क। रविवार 18 सितंबर, 2016 को फ्रेंड्स ऑफ एमपी के सदस्यों ने न्यू जर्सी के लिबर्टी स्टेट पार्क में दूसरी सालाना पिकनिक का आयोजन किया। हालांकि पहले मौसम के खराब रहने की भविष्यवाणी की गई लेकिन अंत में सभी तरह से आयोजन सुखद रहा। आयोजन में भाग लेने वालों की संख्या करीब 200 थी और आयोजन स्थल पिछले वर्ष की तुलना में आकार में दोगुना था। दिनभर चली पिकनिक बहुत सफल रही और इसमें न्यूयॉर्क न्यू जर्सी ट्राइस्टेट के सभी हिस्सों से लोगों ने भाग लिया।
समारोह में भाग लेने वाले मध्यप्रदेश के सभी छोटे-बड़े नगरों, शहरों जैसे कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, सागर, उज्जैन, रतलाम, देवास के मूल निवासी शामिल थे। संयोग की बात है कि इस पिकनिक का आयोजन राज्य के मुख्यमंत्री की न्यूयॉर्क यात्रा के दो सप्ताह बाद किया गया। नियत तिथि से एक माह पहले ही पिकनिक हाउसफुल हो चुकी थी।
फ्रेंड्स ऑफ एमपी पिकनिक दो बड़े मैदानों और दो पूरी तरह ढंके पैवेलियंस तक फैली थी जिन्हें क्रमश: 'सराफा' और 'राजबाड़ा' का नाम दिया गया था। ये दोनों स्थान इंदौर की पहचान हैं और आयोजन की शुरुआत भी पोहा, रतलामी सेव, जीरावन और केसर जलेबी से हुई जिन्हें मौके पर ही ताजा ताजा बनाया गया था। इसके बाद खेलकूद और गेम्स की शुरुआत हुई जबकि बहुत से लोगों ने वर्षों बाद अपने संबंधों को ताजा किया। क्रिकेट और वॉलीबॉल के उत्साह के साथ ही मेहमानों ने 'सितोलिया' और 'पतंग' का मजा लिया। इस वर्ष का सबसे बड़ा आकर्षण यह था कि समूचा 'राजबाड़ा' पैवेलियन एक मेले में बदल गया था।
इसे पूरी तरह से ग्रुप की महिला कार्यकर्ताओं ने सजाया संवारा था ताकि लोगों को अपने बचपन की याद आ जाए। इसमें बेहद लोकप्रिय हुआ बूथ फेस पेंटिंग, भविष्यवाणी, खजाने की खोज, टैटूज और बहुत सी-चीजों को ग्रुप के बच्चों ने संभाला था। इसका मुख्य आकर्षण 'बरफ का गोला' और 'गुडि़या के बाल' थे जिनका सभी उम्र के लोगों ने मजा लिया। सेल्फी बूथ में लोगों ने परंपरागत मालवी पगड़ी के साथ तस्वीरें खिंचवाईं। लंच से ठीक पहले महिलाओं ने आकर्षक नृत्य किया। लंच में राज्य के प्रमुख, लोकप्रिय खाद्य पदार्थों चूरमा, दाल, बाटी परोसा गया।
इसके बाद सामाजिक मेल मिलाप, एमपी बिंगो गेम का दौर हुआ। इस दिन के मुख्य अतिथि डिप्टी काउंसेल जनरल डॉ. मनोज महापात्र थे। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से डॉ. महापात्र ने न्यूयॉर्क इलाके में भारतीय मूल समुदाय के लोगों को एकजुट करने के लिए संगठन की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। मूल रूप से इंदौर के वासी नंदलाल रामद्या (जो कि 1959 में अमेरिका आए थे) ने ग्रुप को 1880 के दशक का होल्कर रियासत का एक सिक्का भेंट किया। दोपहर में नाश्ते के साथ पारिवारिक मनोरंजन, सामूहिक तस्वीरें और बच्चों की प्रतिभा खोज का आयोजन किया गया।
इस आयोजन का प्रबंधन और क्रियान्वयन एक कोर टीम ने किया जिसमें जीतेन्द्र मुछाल, राकेश भार्गव, डॉ. आर. काकानी, राजेश मित्तल, पंकज गुप्ता, अविनाश झवर, राजीव गोयल, राज बंसल, निपुण जोशी, नवनीत त्रिवेदी, अनुपम सरवाईकर और इनके परिजन शामिल थे। टीम में ऐसे लोग भी शामिल थे जो कि कुछेक महीनों पहले ही इस गुट में शामिल हुए थे। आयोजन के दौरान नामों की पर्चियों से लेकर बातचीत तक में हिन्दी और मालवी भाषा का प्रयोग किया गया।