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World Poetry Day 2023: कविताओं से ही दिल भी धड़कता है और सत्‍ताएं भी हिल जाती हैं

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नवीन रांगियाल

कविता Poetry दिल के सबसे करीब की बात होती है। जो बात हम कई पन्‍नों में व्‍यक्‍त नहीं कर सकते वो कविता की एक पंक्‍त‍ि कर देती है। कविता समय के किसी अनजान भाव से उपजती है और समय से परे भी जाती है। कविता ही वो शे है जिससे दिल भी महसूस करते हैं और धड़कते हैं और कविताओं से ही सत्‍ताएं भी हिल जाती हैं।

कविता और तकनीक: यह ChatGPT का जमाना है। तकनीकी क्रांति के इस नए दौर में सबकुछ मशीनी हो गया हो और जीवन इंटरनेट Internet की जद में आ चुका है। इस वक्‍त ChatGPT से भी हम कोई रोमांटिक कविता लिखवा सकते हैं। लेकिन हमें हमेशा उस शख्‍स और उसकी मानवीय संवेदना की जरूरत महसूस होती रहेगी जो हमारे लिए कविता लिखे। हमारे मन और आत्‍मा को एक सुंदर कविता की जरूरत हमेशा महसूस होती रही है और आगे भी होती रहेगी। कविता भीतर की ताकत है और यह मानवीय संवदेनाओं का एक ऐसा दस्‍तावेज है जो किसी भी तकनीकी क्रांति में कभी अप्रासंगिक नहीं होगा। तकनीक से तैयार की गई कविता और किसी प्‍यार में पडे व्‍यक्‍ति द्वारा लिखी कविता में उतना ही फर्क है, जितना शॉवर से गिरे पानी और बारिश में आसमान से गिरीं पानी की बौछारों में है।

हम थककर कविता के पास जाते हैं: तमाम सुख सुविधाओं के बावजूद आज जब हम दुनि‍याभर की आपाधापी और इंटरनेट की इस तेज रफ्तार से थक जाते हैं तो विश्राम के लिए अंत में अपने प्र‍िय लेखक की कविताओं के पास ही लौटते हैं। हम कविता का साथ चाहते हैं, उसका संग चाहते हैं, इसलिए कि कुछ समय या कम से कम एक रात के लिए ही सही वो हमें राहत दे सके, आराम दे सके। अपने मन की एक आहट हम तक पहुंचा सके। इस अराजकता में हम कभी नहीं चाहेंगे कि हम किसी ChatGPT को या किसी कम्‍प्‍यूटर और एप्‍लिकेशन को कहेंगे कि हमारे लायक कोई कविता लिख दो।

21 मार्च को वर्ल्‍ड पोएट्री डे (World poetry day 2023) है। यानी विश्‍व कविता दिवस। वैसे इंसान के मन और मस्‍तिष्‍क को कविता की रोज ही जरूरत है, लेकिन यह दिन कविताओं के बारें में बात करने के लिए शायद ज्‍यादा जरूरी हो जाता है।

कविता न सिर्फ पढ़े जाने में बल्‍कि अपने लिखे जाने में भी एक बेहद रचनात्‍मक प्रक्रिया है। कविता किसी अनजान गौरेया की तरह है, अचानक आती है जिंदगी में और फिर फुर्र से उड़ भी जाती है। इसके इंतजार में कई बार महीनों लग जाते हैं तो कई बार कुछ ही क्षण में बगैर बताए आ जाती है। इसलिए कविता एक जादू है। यह जादू बरकरार रहना चाहिए।

दरअसल, हर साल 21 मार्च को विश्व कविता दिवस मनाया जाता है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने 21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 1999 में की थी। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने हर साल 21 मार्च को कवियों और उनकी कविता की खुद से लेकर प्रकृति और ईश्वर आदि तक के भावों को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय लिया था। विश्व कविता दिवस के अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और साहित्य अकादमी के द्वारा हर साल विश्व कविता उत्सव मनाया जाता है।

यह दिवस मनाने का मुख्य मकसद कविताओं का प्रचार- प्रसार करना है। इस दिन के माध्यम से नए लेखकों एवं प्रकाशकों को प्रोत्साहित किया जाता है। कविताओं के लेखन और पठन दोनों का ही संतुलन बना रहे इसलिए भी यह दिन अहम है। किसी जमाने में कविता एक ताकत थी, इसका भविष्‍य और वर्तमान भी उज्‍जवल हो यह भी एक उदेश्‍य है इस दिन की शुरुआत का।

पहले कविताओं के लिए मंच सजते थे, कई आयोजन होते थे। आमने सामने बैठकर कविताएं कही और सुनी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब पिछले कुछ समय से जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है कविता कहने का माध्‍यम बदल गया है। अब इंटरनेट पर वेबि‍नार और ऑनलाइन आयोजन की मदद से कविताओं का वर्चुअल पाठ किया जा रहा है।

कहने का मतलब यह है कि समय चाहे कैसा भी हो कवि‍ता अपनी राह बना ही लेती है। अब हजारों कवि और लेखक फेसबुक, ट्व‍िटर और अन्‍य सोशल मीडिया की मदद से कविता कह रहे हैं। कविता हर दौर में कही जाती रहना चाहिए। जिससे कविताओं के सहारे हम जिंदा रहे, हमारे दिल धड़कते रहे और हम अपने होने की आहट को सुनते रहे।

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