Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हिन्दी साहित्य : कविता जलाई गई

Advertiesment
हमें फॉलो करें कविता
बृजमोहन स्वामी "बैरागी"
 
जम्मू की एक मस्जिद में
नमाज पढ़ते हुए हम,
उठाएंगे बिस्तर
और जाकर सोएंगे मंदिर में,
 
नींद में आएगा एक ईसा मसीह,
जबकि सुबह फिर से दुनियादारी का मुंह देखना है, 
मरोड़ना है पुराने रेडियो का बटन
कांपते हाथों से बदलने हैं कई चैनल
सुननी है कई चीखें,
जो सीरिया लीबिया या
अपने ही शहर से प्रसारित होंगी।
 
खिसकती हैं पपड़ियां जैसे तलवों से
इस तरह खुद-ब-खुद
कोई बड़ा चेहरा बन जाता है,
एक ईश्वर
और उसने इतिहास बनने से इनकार कर दिया है।
जबकि इतिहास में सबसे मार्मिक कविताएं जलाई गई
उनके कवियों की अर्थी पर धरकर,
 
इसके बाद हमने 
वासना की कहानियों समेत 
तमाम हॉलीवुड फि‍ल्में देखी।
 
मर्म बताती एक कविता के लिए
भविष्य में झोंक दें, कुछ शब्द
और क्रांतियों के झंडे
ताकि मानवता की
भीतरी परतों को
प्याज के छिलकों की भांति
उतारा जा सके। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नियति की नाटकी प्रवृति !