Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

उत्तरायण पर कविता : मन की मकर राशि में छा जाओ देव बनकर

Advertiesment
हमें फॉलो करें उत्तरायण पर कविता : मन की मकर राशि में छा जाओ देव बनकर
webdunia

डॉ. पूर्णिमा भारद्वाज

उत्तरायण 
 
कि देखो,
 
फागुन भी टोह ले रहा
 
और खेतों की मेड़ पर
 
उग आईं हैं
 
टेसू चटकाती
 
सुर्ख होती डालियां 
 
तो किसी शीत भरी
 
पर गुनगुनी शाम की तरह
 
गुज़र जाओ इस गली
 
अंजुली भर गरमाहट लेकर
 
आभासों के मेरे सूरज
 
मन की मकर राशि में
 
छा जाओ देव बनकर
 
तुम्हारी उष्मा
 
भय के तमाम कपाटों को 
 
पिघलाकर
 
भर देगी आत्मा के घाव
 
और क्षत-विक्षत
 
भीष्म की देह सी
 
शूलों की शय्या पर
 
पड़ी आस पा जाए मोक्ष 
 
हो जाए उत्तरायण...

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वसंत पंचमी 2020 : मां सरस्वती के पूजन की इतनी आसान विधि कहीं नहीं मिलेगी आपको