Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Girl Child Day : 'बेटी' युग का नया दौर

Advertiesment
हमें फॉलो करें Girl Child Day : 'बेटी' युग का नया दौर
-आनंद विश्वास
 
सतयुग, त्रेता, द्वापर बीता, बीता कलयुग कब का,
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।
 
बेटी युग में खुशी-खुशी है,
पर मेहनत के साथ बसी है।
शुद्ध कर्म-निष्ठा का संगम,
सबके मन में दिव्य हंसी है।
 
नई सोच है, नई चेतना, बदला जीवन सबका,
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।
 
इस युग में ना परदा-बुरका,
ना तलाक, ना गर्भ-परीक्षण।
बेटा-बेटी सब जन्मेंगे,
सबका होगा पूरा रक्षण।
 
बेटी की किलकारी सुनने, लालायित मन सबका।
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।
 
बेटी भार नहीं इस युग में,
बेटी है आधी आबादी।
बेटा है कुल का दीपक तो,
बेटी है दो कुल की थाती।
 
बेटी तो है शक्तिस्वरूपा, दिव्यरूप है रब का।
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।
 
चौके-चूल्हे वाली बेटी,
युग में कहीं न होगी।
चांद-सितारों से आगे जा,
मंगल पर मंगलमय होगी।
 
प्रगति पथ पर दौड़ रहा है, प्राणी हर मजहब का।
बेटी युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

24 January Girl Child Day poem: घर आई मेरी नन्ही परी