Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिन्दी कविता : सच के साथ

हमें फॉलो करें हिन्दी कविता : सच के साथ
webdunia

सुशील कुमार शर्मा

सच कहना
गुनाह तो नहीं है
रूठते लोग।


 
मन में आंधी
घुमड़ते विचार
कब रुके हैं।
 
सत्य बोलना
बहुत कठिन है
रहो अकेले।
 
जब भी लिखा
कुछ न लिख पाया
सच के सिवा।
 
मिट्टी का दीया
अंधेरे में प्रकाश
छोटी-सी आस।
 
खिलाफ मेरे
सारा जहां खड़ा है
साथ हो तुम।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चाय पीने का सही तरीका और 4 गलतियां