हिन्दोस्तान की है ये बिंदी।
घर-घर बहती है हिन्दी की धारा,
विश्व गुरु बनेगा हिन्दोस्तान हमारा,
यही है हर हिन्दुस्तानी का नारा।
ज्ञान और भाव की भाषा है हिन्दी,
प्रेम का मधुर राग है हिन्दी।
न मिटने देना इसके रंग को,
यह है हर हिन्दुस्तानी से विनती,
हिन्दुस्तान एक देश है, इसकी सांस है हिन्दी।
न रुकने देना इसके प्रबल प्रवाह को,
हमेशा महकाते रखना इसकी सुगन्ध को।
यही हर हिन्दुस्तानी से कहते हैं हम,
हिन्दी है हम, हिन्दोस्तान हैं हम।