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हिन्दी भाषा पर कविता : हिन्दी मेरी बिंदी...

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सुशील कुमार शर्मा

हो रहा है हिन्दी स्मरण धीरे-धीरे,
चल रहा है हिन्दी मनन धीरे-धीरे।


 
हिन्दी है देश की गौरव भाषा,
मधु मुकुल नव चिर अभिलाषा।
 
विमल वाणी की मधुर ध्वनि है,
सिन्धु-सी विस्तृत और घनी है।
 
चढ़ रही है हिन्दी नयन धीरे-धीरे,
चल रहा है हिन्दी मनन धीरे-धीरे।
 
हिन्दी है गंगा ज्योतिर्जल कण,
हिन्दी मधु-सी प्रति पल प्रति क्षण।
 
हिन्दी है शीतल कोमल नूतन,
हिन्दी है भू पर सुगंधित सुमन।
 
आ रही है हिन्दी पवन धीरे-धीरे,
चल रहा है हिन्दी मनन धीरे-धीरे।

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