Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिन्दी कविता : त्रासदी

हमें फॉलो करें हिन्दी कविता : त्रासदी
webdunia

सुबोध श्रीवास्तव

इसमें
तुम्हारा दोष कतई नहीं है
कि तुम
आदमियत से
हैवानियत की ओर मुड़ते
अपने कदमों को
खामोशी से ताक रहे हो।
 
क्योंकि
यह नजरिया तो
तुम्हें मिला है विरासत में
और अपनी संस्कृति में
बंधे रहना ही
तुम्हारी पहचान है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

युवाओं के लोकप्रिय नेता राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष...