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बुंदेली गीत : बहू मिली है गुनवारी

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प्रभुदयाल श्रीवास्तव

, बुधवार, 13 फ़रवरी 2019 (11:26 IST)
कित्ती नौनी बनी आज जा,
मटर-भटा की तरकारी।
 
लगो बघार तेल सरसों का,
राई नॉन जीरे डारे।
 
लहसुन-प्याज डार के भूंजो,
तिल डारे कारे-कारे।
 
झौंके गरम करैया में फिर,
भटा-मटर बारी-बारी।
 
संसी सें फिर पकर करैया,
भटा-मसालो टारो खूब।
 
दो लोटा भर पानी डारो,
ढंकना ढांक उबालो खूब।
 
तरकारी की उड़ी महक तो,
नचन लगे लोटा-थाली।
 
चटकारे ले-ले के रोटी,
तरकारी सब घर खा रओ।
 
डुकरा ससुर आज तो खुस है,
भौत बहू के गन गा रओ।
 
सास सोई के रई है उनखो,
बहू मिली है गुनवारी।

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