Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(प्रतिपदा तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • व्रत/मुहूर्त- कार्तिक व्रत पारणा, सूर्य वृश्चिक संक्रांति
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

सूर्यदेव के पूजन का दिन भानु सप्तमी, जानें क्यों रखते हैं व्रत?

हमें फॉलो करें सूर्यदेव के पूजन का दिन भानु सप्तमी, जानें क्यों रखते हैं व्रत?

WD Feature Desk

HIGHLIGHTS
* भानु सप्तमी कब मनाई जाएगी। 
* भानु सप्तमी पर किसकी पूजा होती है।
 
Bhanu Saptami Vrat: भानु सप्तमी व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर किया जाता है। वर्ष 2024 में इस बार फाल्गुन माह में यह पर्व 03 मार्च, रविवार को मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान सूर्यदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं क्यों रखा जाता हैं व्रत- 
 
जानें क्यों रखते हैं व्रत- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पृथ्वी पर सूर्य जीवन का सबसे बड़ा कारण है, अन्य देवता तो पृथ्वी और स्वर्ग में अदृश्य रूप से विचरण करते हैं, परंतु सूर्यदेव को साक्षात देखा जा सकता है। इसीलिए सूर्य प्रत्यक्ष देव माने जाते हैं और प्राचीन काल से ही धर्मों में सूर्यदेव को वंदनीय माना जाता रहा है। 
 
सूर्य की शक्ति और प्रताप के गुणों से धर्मग्रंथ भरे पड़े हैं। इसीलिए हर मास की भानु सप्तमी के दिन यह व्रत करने और भगवान सूर्य की उपासना करने से सूर्य बलवान होकर विशेष फल प्रदान करते हैं। 
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फागुन महीने की भानु सप्तमी तिथि इस बार रविवार, 03 मार्च को पड़ रही है। कैलेंडर के मतांतर के चलते यह व्रत एक दिन आगे-पीछे रखा जा सकता है। भानु सप्तमी के दिन सूर्य की उपासना करना बड़ा ही पुण्यदायी होता है। इस दिन नदी स्नान और अर्घ्य दान करने से आयु, आरोग्य व संपत्ति की प्राप्ति होती है। इस दिन संकल्प लेकर व्रत करने तथा विधि-विधान के साथ पूजन-अर्चन करके भगवान सूर्यदेव की आरती करने से जीवन के समस्त दुखों का निवारण होता है। 
 
इस बार यह तिथि रविवार के दिन आने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है, क्योंकि रविवार का दिन भगवान सूर्य देव की उपासना करने का दिन माना गया है। सप्तमी तिथि पर विधिपूर्वक भगवान सूर्य देव की पूजा-उपासना करने का धार्मिक महत्व बहुत अधिक होने के कारण यह तिथि अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। 
 
इस दिन व्रत रखकर सूर्यदेव की उपासना की जाती है तथा जो व्यक्ति सूर्यदेव की उपासना करता है, वह सदा निरोगी रहता है। सप्तमी के दिन पवित्र नदी, सरोवर में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य और दीपदान करना उत्तम फलदायी माना गया है। माना जाता है कि इस दिन प्रात: जलाशय में स्नान करने से शरीर निरोग रहता है। 
 
भानु सप्तमी के दिन उनके मंत्र- 'ॐ घृणि सूर्याय आदित्याय नमः' का जाप तथा आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने का भी बहुत महत्व माना गया है। 
 
पुराणों में भानु सप्तमी को अचला सप्तमी, अर्क, रथ और पुत्र सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य पूजन से ग्रह संबंधित परेशानियां दूर होती है तथा जीवन में ग्रहों का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। इस दिन व्रतधारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भोजन में नमक नहीं लें। साथ ही इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से मानसिक, शारीरिक ताप दूर होकर आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मंगल का शनि की राशि कुंभ में गोचर, 6 राशियां करियर को लेकर रहें सतर्क