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सोना बनाने की 155 विधि में से एक सटीक विधि का सूत्र

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 15 अप्रैल 2025 (12:13 IST)
sona banane ki vidhi batao: प्राचीन भारत में बगैर किसी 'खनन' के बावजूद भारत के पास अपार मात्रा में सोना था। मंदिरों में टनों सोना रखा रहता था। सोने के रथ बनाए जाते थे और प्राचीन राजा-महाराजा स्वर्ण आभूषणों से लदे रहते थे। आखिर भारतीय लोगों और राजाओं के पास इतना सोना आया कहां से था? उस काल में खदान खोदने का कोई जिक्र नहीं, खदाने तो मध्यकाल में खोदी जाने लगी फिर भारत के पास इतना सोना कहां से आया? कहते हैं कि बिहार की सोनगिर गुफा में लाखों टन सोना आज भी रखा हुआ है। मध्यकाल में गौरी, गजनी, तेमूर और अंग्रेज लूटेरे लाखों टन सोना लूट कर ले गए फिर भी भारतीय मंदिरों और अन्य जगहों पर आज भी टनों से सोना है।
 
क्या प्राचीन भारत के लोग जानते थे सोना बनाना?
कहते हैं कि प्राचीन भारत के लोग स्वर्ण बनाने की विधि जानते थे। वे पारद आदि को किसी विशेष मिश्रण में मिलाकर स्वर्ण बना लेते थे। प्रभुदेवा, व्यलाचार्य, इन्द्रद्युम्न, रत्नघोष, नागार्जुन के बारे में कहा जाता है कि ये पारद से सोना बनाने की विधि जानते थे। कहा जाता है कि नागार्जुन द्वारा लिखित बहुत ही चर्चित ग्रंथ 'रस रत्नाकर' में एक जगह पर रोचक वर्णन है जिसमें शालिवाहन और वट यक्षिणी के बीच हुए संवाद से पता चलता है कि उस काल में सोना बनाया जाता था। हालांकि यह आज भी एक रहस्य है।
इस संबंध में प्राचीन और मध्यकाल में हस्तलिखित दस्तावेज बहुत होते थे। उनमें से लाखों तो लुप्त हो गए या जला दिए गए। फिर भी हजारों आज भी किसी लाइब्रेरी में, संग्रहालय, आश्रम में या किसी व्यक्ति विशेष के पास सुरक्षित है।ऐसी ही एक हस्तलिखित पांडुलिपि या किताब इंदौर के रहने वाले साधारण से व्यक्ति के पास सुरक्षित है। इस पांडुलिपि या किताब में सोना और चांदी बनाने की 155 विधियां हैं। हालांकि यह विधि कितनी सही है यह रिसर्च का विषय हो सकता है। 
 
सोना बनाने की विधि:
हेमवती और रुद्रवंति नामक जड़ी बूटी को तांबे में खरल करने के बाद कई प्रक्रियाओं के माध्यम से तांबे और पीतल को स्वर्ण में बदलने की विधि प्राचीन शास्त्रों में बताई गई है। खरल करने के बाद तांबे के पत्र पर लेप करें। उस पत्र को आग में रखें। इस प्रकार ऐसा 7 बार करना है। संपूर्ण विधि जानने के लिए वीडियो को देखें।

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