Parma Ekadashi : प्रत्येक तीन वर्ष के बाद आता है अधिक मास, जिसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। अधिक मास की पहली पद्मिनी और दूसरी परमा एकादशी है। दोनों को ही कमला और पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहते हैं। दोनों का ही महत्व, व्रत और फायदे अलग अलग बताए गए हैं। आओ जानते हैं कि परमा एकादशी के व्रत को रखने से क्या फायदा होगा।
परमा एकादशी कर करते हैं पंचरात्रि उपवास:-
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इस एकादशी को कठित व्रत रखा जाता है।
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इस व्रत में 5 दिनों तक यानी पंचरात्रि उपवास करते हैं।
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इसमें रात्रि में एकादशी से अमावस्या तक जल का त्याग कर दिया जाता है।
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केवल भगवत चरणामृत लिया जाता है।
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इस पंचरात्र का पुण्य लाभ अपार है और फल भी अपार है।
परमा एकादशी व्रत रखने का फायदा:-
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यह धन, सुख और ऐश्वर्य की दाता है।
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इस एकादशी में स्वर्ण दान, विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान और गौदान करने से पुण्यों की प्राप्ति होती है।
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यह एकादशी परम दुर्लभ सिद्धियों की दाता है। पंचरात्रि तक इसका व्रत रखने से सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
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इस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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विधिवत रूप से इस एकादशी का व्रत रखने से पुत्र-पौत्रादि का सुख प्राप्त होता है।
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यह एकादशी हर प्रकार की समृद्धि और पुण्य प्रादान करने वाली है।
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विधिवत रूप से इस एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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पूरे विधि-विधान से इस दिन उपवास रखने से सभी पापों का नाश भी हो जाता है।
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यह एकादशी जीवन में चले आ रहे संकटों का समाधान करके पुण्य प्रदान करती है।
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यह सभी तरह की मनोकामना पूर्ण करने वाली एकादशी है।