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आज के शुभ मुहूर्त

(दुर्गाष्टमी)
  • तिथि- चैत्र शुक्ल अष्टमी
  • शुभ समय-10:46 से 1:55, 3:30 5:05 तक
  • व्रत/मुहूर्त-श्री दुर्गाष्टमी, अशोकाष्टमी, महाष्टमी व्रत
  • राहुकाल- दोप. 3:00 से 4:30 बजे तक
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फुलेरा दूज क्यों मनाया जाता है? श्रीकृष्ण और राधारानी के ये शुभ मंत्र करेंगे हर कामना पूरी

हमें फॉलो करें फुलेरा दूज क्यों मनाया जाता है? श्रीकृष्ण और राधारानी के ये शुभ मंत्र करेंगे हर कामना पूरी
फुलोरिया दोज का दिन राधारानी और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित पर्व है। हिन्दू धर्म में फुलेरा दूज (phulera dooj festival) को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। वर्ष 2023 में यह त्योहार 21 या 22 फरवरी को पर्व मनाया जा रहा है। 
 
फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष के दौरान दूसरे दिन यानी द्वितीया तिथि पर फुलेरा दूज पर्व मनाया जाता है। यह पर्व वसंत पंचमी के बाद और होली से पहले पड़ता है। यह फूलों का पर्व माना जाता है, जहां चारों ओर फूलों की होली खेली जाती है। 
 
मान्यतानुसार इस दिन श्री कृष्ण ने राधा जी के साथ फूलों की होली खेली थी। तभी से फुलेरा दूज पर फूलों की होली का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है, जो जीवन में खुशियां और मधुरता लाता है। इस दिन राधा-कृष्ण जी का फूलों से श्रृंगार किया जाता है। इसे अबूझ मुहूर्त माना गया है, अत: इस दिन बिना मुहूर्त देखे ही शुभ और मांगलिक कार्य करना लाभदायी माना जाता है।
 
इस विशेष भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की पूजा-आराधना तथा मंत्र जाप करने का विशेष महत्व है। इससे मनुष्य की हर कामना पूर्ण होती है। इतना ही नहीं फुलेरा दूज के दिन श्री राधा जी के 32 नामों का स्मरण करने से जीवन में सुख-सौभाग्य, प्रेम और शांति, रिश्तों में मिठास का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
 
पढ़ें खास मंत्र-phulera dooj mantra  
 
- 'कृं कृष्णाय नमः'
- 'गोवल्लभाय स्वाहा'
- 'ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा'
- 'ॐ नमः भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।' 
- 'हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।' 
- 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री'
- 'ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।।'
- ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥
 
राधाजी के 32 नाम मंत्र-Radha Mantra
 
1. मृदुल भाषिणी राधा ! राधा !!
2. सौंदर्य राषिणी राधा ! राधा !!
3. परम् पुनीता राधा ! राधा !!
4. नित्य नवनीता राधा ! राधा !!
5. रास विलासिनी राधा ! राधा !!
6. दिव्य सुवासिनी राधा ! राधा !!
7. नवल किशोरी राधा ! राधा !!
8. अति ही भोरी राधा ! राधा !!
9. कंचनवर्णी राधा ! राधा !!
10. नित्य सुखकरणी राधा ! राधा !!
11. सुभग भामिनी राधा ! राधा !!
12. जगत स्वामिनी राधा ! राधा !!
13. कृष्ण आनन्दिनी राधा ! राधा !!
14. आनंद कन्दिनी राधा ! राधा !!
15. प्रेम मूर्ति राधा ! राधा !!
16. रस आपूर्ति राधा ! राधा !!
17. नवल ब्रजेश्वरी राधा ! राधा !!
18: नित्य रासेश्वरी राधा ! राधा !!
19. कोमल अंगिनी राधा ! राधा !!
20. कृष्ण संगिनी राधा ! राधा !!
21. कृपा वर्षिणी राधा ! राधा !!
22: परम् हर्षिणी राधा ! राधा !!
23. सिंधु स्वरूपा राधा ! राधा !!
24. परम् अनूपा राधा ! राधा !!
25. परम् हितकारी राधा ! राधा !!
26. कृष्ण सुखकारी राधा ! राधा !!
27. निकुंज स्वामिनी राधा ! राधा !!
28. नवल भामिनी राधा ! राधा !!
29. रास रासेश्वरी राधा ! राधा !!
30. स्वयं परमेश्वरी राधा ! राधा !!
31. सकल गुणीता राधा ! राधा !!
32. रसिकिनी पुनीता राधा ! राधा !!
 
- कर जोरि वंदन करूं मैं_
नित नित करूं प्रणाम_
रसना से गाती/गाता रहूं_
श्री राधा राधा नाम !!

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