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आज के शुभ मुहूर्त

(कालभैरव अष्टमी)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • व्रत/मुहूर्त-श्री कालभैरव अष्टमी/ सत्य सांईं जन्म.
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
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खरमास में तुलसी से दूर रखें ये चीजें नहीं तो माता लक्ष्मी रूठ जाएंगी

हमें फॉलो करें खरमास में तुलसी से दूर रखें ये चीजें नहीं तो माता लक्ष्मी रूठ जाएंगी
Tulsi puja in kharmas 2023: 16 दिसंबर 2023 शनिवार को सूर्य का धनु राशि में गोचर होगा तभी से खरमास यानी मलमास प्रारंभ हो जाएगा। खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, मकान निर्माण, नया व्यापार या किसी भी तरह का कोई भी संस्कार नहीं करते हैं। इसी के साथ ही कई तरह के नियमों का पालन करते हैं, जिसमें तुलसी के नियम भी होते हैं।
 
खरमास में श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है। तुलसी को माता लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। जब तक तुलसी की पूजा नहीं होती तब तक श्री हरि विष्णु की पूजा पूरी नहीं मानी जा सकती है। मंगलवार, रविवार और एकादशी को छोड़कर कभी भी तुलसी को जल अर्पित कर सकते हैं, लेकिन खरमास के दौरान तुलसी पूजा में भूलकर भी ये गलती न करें।
 
धनु संक्रांति पर भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण की षोडश पूजा करें। इसी के साथ ही तुलसी पूजा भी करते हैं। तुलसी माता को जल अर्पण करें और उनकी पूजा करें। मंगलवार, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को भूलकर भी नहीं छूएं और न ही जल अर्पण करें अन्यथा माता लक्ष्मी रुष्ठ हो जाएगा।
 
लेकिन, खरमास के दिनों में भूलकर भी तुलसी के ऊपर सिंदूर या कोई पूजन सामग्री न चढ़ाएं। इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसी के साथ ही दूर्वा भी न चढ़ाएं अन्यथा माता लक्ष्‍मी रूष्‍ठ होकर आपके घर से चली जाएंगे। खरमास में तुलसी को जल दान, दीपदान और धूपदान दे सकते हैं। बाकी अन्य किसी भी प्रकार की पूजा नहीं कर सकते हैं।

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