Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(डोल ग्यारस)
  • तिथि- भाद्रपद शुक्ल एकादशी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • व्रत/मुहूर्त-पद्मा (जलझूलनी) एकादशी, डोल ग्यारस, हिन्दी दिवस
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

Center of earth place: धरती का केंद्र है उत्तर प्रदेश का यह शहर, आपने पहली बार सुना होगा इसका नाम

Center of earth place: धरती का केंद्र कैलाश पर्वत, घाना या बिठूर, जानिए रहस्य

हमें फॉलो करें Center of earth place: धरती का केंद्र है उत्तर प्रदेश का यह शहर, आपने पहली बार सुना होगा इसका नाम

WD Feature Desk

, शुक्रवार, 30 अगस्त 2024 (11:41 IST)
Center of the earth Bithoor in up: वैसे वैज्ञानिक रूप से धरती का केंद्र कैलाश पर्वत को माना जाता है। इसके अलावा भी दुनियाभर में धरती के कुछ और भी केंद्र हैं। हालांकि विज्ञान उन्हें धरती का केंद्र नहीं मानता है। धरती गोल है और उस गोल धरती पर किसी भी क्षेत्र को केंद्र बनाया जा सकता है परंतु यदि आप उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के बीच के केंद्र की बात करेंगे तो आपको कैलाश पर्वत ही नजर आएगा। जिसके ओर दक्षिण है तो दूसरी ओर उत्तरी ध्रुव है। लेकिन हाल ही की खोज से धरती के एक ओर केंद्र का पता चला है जो कि उत्तर प्रदेश का एक शहर है।
 
हिंदू पौराणिक मान्यता:- हिंदू पुराणों के अनुसार धरती का एक और दूसरा केंद्र भी है जो कि उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के पास स्थित है। बिठूर गंगा घाट स्थित ब्रह्मावर्त नामक स्थान को धरती का केंद्र बिंदु माना जाता है। वर्तमान में इस बिठूर कहते हैं। माना जाता है कि पृथ्‍वी की धुरा वाला स्थान बिठूर के ब्रह्मा खूंटी पर है। सृष्‍टि रचियता ब्रह्मा ने यहीं बैठकर जीव जगत की रचना की थी। उन्होंने इस कार्य के लिए धरती की धुरी का चयन किया था। पहले जम्बूद्वीप खंड में ब्रह्मावर्त क्षेत्र बीच में ही हुआ करता था। यहां पर रामायण काल से लेकर अभी तक के कई पुरातात्विक साक्ष्य बिखरे हुए हैं। यहीं पर वाल्मीकि आश्रम है। यहीं से पाताल का रास्ता जाता है। यहीं पर मनु और शतरूपा ने मानव सृष्‍टि की शुरुआत की थी।
 
वैज्ञानिक प्रमाण:- इंग्लैंड के वैज्ञानिक अपनी खोज के अनुसार मानते हैं कि यह धरती का केंद्र हो सकता है। वे इस ब्रह्मा खूंटी की थाह नहीं ले पाए हैं। कानपुर IIT की टीम ने भी इस स्थान को धरती की धुरी होने को प्रमाणित किया है। धुरी यानी धरती का वह अक्ष या सेंटर जहां से वह घूम रही है। धरती अपने अक्ष पर टिककर लगातर घूम रही है।
 
घाना है धरती के केंद्र के पास:- हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती के सेंटर पर कोई देश स्थित नहीं है। वैज्ञानिकों की मानें तो धरती के केंद्र 0°N 0°E है. जहां कोई देश नहीं है बल्कि इस जगह को साइंटिस्ट काल्पनिक मानते हैं। वहीं इस केंद्र के सबसे निकट स्थित घाना को धरती का केंद्र माना गया है। पृथ्वी के केंद्र से घाना की दूरी 380 मील है।
webdunia
कैलाश पर्वत है धरती का केंद्र:- धरती के एक ओर उत्तरी ध्रुव है, तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय। हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। यह एक ऐसा भी केंद्र है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है। एक्सिस मुंडी अर्थात दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र। यह आकाश और पृथ्वी के बीच संबंध का एक बिंदु है, जहां दसों दिशाएं मिल जाती हैं। रशिया के वैज्ञानिकों के अनुसार एक्सिस मुंडी वह स्थान है, जहां अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है और आप उन शक्तियों के साथ संपर्क कर सकते हैं। कैलाश पर्वत एक विशालकाय पिरामिड है, जो 100 छोटे पिरामिडों का केंद्र है। कैलाश पर्वत की संरचना कम्पास के 4 दिक् बिंदुओं के समान है और एकांत स्थान पर स्थित है, जहां कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है।
 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी के पास कुबेर की नगरी है। यहीं से महाविष्णु के कर-कमलों से निकलकर गंगा कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है, जहां प्रभु शिव उन्हें अपनी जटाओं में भर धरती में निर्मल धारा के रूप में प्रवाहित करते हैं। कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्ग और नीचे मृत्यलोक है।
- Anirudh Joshi

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Ganesh chaturthi 2024: गणेश जी से जुड़े 10 रोचक तथ्य