what does a nobel prize winner get: नोबेल पुरस्कार दुनिया में उत्कृष्टता और मानवीय योगदान का सर्वोच्च प्रतीक माना जाता है। हर साल, जब दिसंबर में विजेताओं की घोषणा होती है, तो पूरी दुनिया की निगाहें स्टॉकहोम पर टिक जाती हैं। लेकिन इस पुरस्कार की शुरुआत, और इसके पीछे की कहानी, इसके आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल जितनी ही असाधारण है।
डायनामाइट के आविष्कारक का निर्णायक संकल्प
नोबेल पुरस्कार की कहानी स्वीडिश वैज्ञानिक, आविष्कारक और उद्योगपति अल्फ्रेड नोबेल (1833−1896) से शुरू होती है। नोबेल ने 355 से अधिक आविष्कार किए, जिनमें सबसे प्रसिद्ध और विवादास्पद था डायनामाइट (Dynamite)। डायनामाइट ने निर्माण और खनन उद्योगों में क्रांति ला दी, लेकिन इसका उपयोग युद्ध और विनाश में भी होने लगा।
कहा जाता है कि 1888 में, जब उनके भाई लुडविग की मृत्यु हुई, तो एक फ्रांसीसी अखबार ने गलती से अल्फ्रेड के निधन की खबर छाप दी, जिसका शीर्षक था "मौत का सौदागर मर गया" (The merchant of death is dead)। इस शीर्षक ने अल्फ्रेड को झकझोर दिया। वह नहीं चाहते थे कि उन्हें हमेशा विनाशकारी आविष्कारक के रूप में याद किया जाए। इसी निर्णायक क्षण के बाद, अल्फ्रेड नोबेल ने यह निश्चय किया कि उनकी विशाल संपत्ति का उपयोग ऐसे कार्यों में हो, ऐसे लोगों को सम्मान मिले जिन्होंने मानवता के लिए असाधारण योगदान दिया हो।
नोबेल विजेताओं को क्या-क्या मिलता है?
अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में पांच क्षेत्रों—भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और शांति—में पुरस्कार स्थापित किए। बाद में, 1968 में, स्वीडन के केंद्रीय बैंक द्वारा अर्थशास्त्र का पुरस्कार जोड़ा गया। नोबेल पुरस्कार विजेता को केवल सम्मान नहीं मिलता, बल्कि उन्हें कई महत्वपूर्ण चीजें प्रदान की जाती हैं जो इस उपलब्धि को विशिष्ट बनाती हैं:
1. पुरस्कार राशि: नोबेल फाउंडेशन के अनुसार, विजेता को एक बड़ी राशि मिलती है। वर्तमान में, यह राशि 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर है, जो भारतीय मुद्रा में करीब 8.5 करोड़ रुपये होती है।
2. नोबेल मेडल: विजेताओं को एक खास नोबेल मेडल मिलता है, जो असली सोने का बना होता है। इस मेडल पर पुरस्कार के जनक अल्फ्रेड नोबेल की तस्वीर बनी हुई होती है।
3. डिप्लोमा (प्रमाणपत्र): इसके अलावा, एक बेहद खूबसूरत डिप्लोमा (प्रमाणपत्र) दिया जाता है, जिसमें विजेता का नाम, उनकी उपलब्धि और उसका कारण कलात्मक रूप से लिखा होता है।
4. वैश्विक मान्यता: पैसे और मेडल से बढ़कर व्यक्ति को इतना बड़ा सम्मान मिलता है। साथ ही, उन्हें दुनिया भर के लोगों और वैज्ञानिक समुदायों द्वारा मान्यता भी मिलती है, जो उनकी उपलब्धि को अमर कर देता है।
भव्य समारोह और परंपरा
नोबेल समारोह का आयोजन हर साल दिसंबर में स्टॉकहोम (स्वीडन) में होता है (शांति पुरस्कार ओस्लो, नॉर्वे में दिया जाता है)। यह आयोजन दुनिया के सबसे भव्य समारोहों में से एक होता है, जिसमें शाही परिवार, राजनेता, वैज्ञानिक और प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल होती हैं। यह समारोह अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति और मानवता की सेवा करने वालों के प्रति दुनिया के सम्मान को दर्शाता है।
इस प्रकार, एक वैज्ञानिक की आत्म-खोज और परोपकारी इच्छा ने 120 से अधिक वर्षों से विज्ञान, कला और शांति के पथ पर चलने वालों को प्रेरित किया है, जिससे नोबेल पुरस्कार केवल एक इनाम नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है।