Rang panchami 2022: होली के बाद रंगपंचमी कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व
इस वर्ष मंगलवार, 22 मार्च 2022 को रंग पंचमी (रंगपंचमी 2022, Rang Panchami 2022) की तिथि पड़ रही है। यह त्योहार होली के 5 दिन बाद यानी चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन आर्थिक समस्या को दूर करने तथा संकट से निजात पाने के लिए मां लक्ष्मी देवी की पूजा-अर्चना भी विशेष तौर पर की जाती है।
रंग पंचमी के शुभ मुहूर्त-Rang Panchami 2022 Muhurat
रंग पंचमी तिथि 2022 :- 22 मार्च 2022 दिन मंगलवार को रंग पंचमी की तिथि पड़ रही है।
रंग पंचमी- 22 मार्च 2022, मंगलवार को।
इस बार पंचमी तिथि प्रारंभ- मंगलवार, 22 मार्च 2022 के दिन सुबह 6.50 मिनट से प्रारंभ होगी।
पंचमी तिथि की समाप्ति- बुधवार, 23 मार्च 2022 तड़के 4.20 मिनट पर होगी।
महत्व-Rang Panchami Importance
भारत भर के रंग पंचमी (Rang panchami 2022) का पर्व होली के बाद मनाया जाता है। रंग पंचमी होली का ही समापन रूप है, जो देश के कई क्षेत्रों में चैत्र माह की कृष्ण पंचमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार रंगों का यह उत्सव चैत्र मास की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर पंचमी तक चलता है। इसलिए इसे रंग पंचमी कहा जाता है।
रंग पंचमी कोंकण क्षेत्र का खास त्योहार माना जाता है, महाराष्ट्र में तो होली को ही रंग पंचमी कहा जाता है। इस संबंध में यह कहा जाता है कि होली का जश्न कई दिनों तक चलता है और इसकी तैयारियां फाल्गुन पूर्णिमा से लगभग एक महीने पहले से शुरू हो जाती है। फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन के पश्चात अगले दिन सभी लोग उत्साहपूर्वक रंगों का पर्व होली या धुलेंडी मनाते है तथा रंगों से खेलते हैं। रंग पंचमी पर ब्रह्मांड में सकारात्मक तंरगों का संयोग बनता है एवं रंग कणों में उस रंग से संबंधित देवताओं के स्पर्श की अनुभूति होती है।
रंग पंचमी के दिन भी रंगों इस्तेमाल करके एक-दूसरे को रंग व गुलाल लगाया जाता है, रंगों को हवा में उड़ाया जाता है, इस समय देवता भी विभिन्न रंगों की ओर आकर्षित होते हैं। वृंदावन में इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा को गुलाल अर्पित करके पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन अधिकतर स्थानों पर सूखे गुलाल का प्रयोग करके यह त्योहार मनाया जाता है।
महाराष्ट्र, राजस्थान तथा मध्यप्रदेश में इसे श्री पंचमी के रूप में पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। इस राधा-कृष्ण को रंग, गुलाल चढ़ा कर ढोल और नगाड़े के साथ नृत्य, संगीत और गीतों का आनंद लिया जाता है। और इसी के साथ होली तथा रंग पंचमी के पर्व का समापन हो जाता है।
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