Holi Rang Panchami festival 2025: धार्मिक मान्यतानुसार होली और रंग पंचमी दोनों ही दिनों का अपना अलग-अलग महत्व और रीति-रिवाज हैं। होली एक सामाजिक त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीकस्वरूप मनाया जाता है, जबकि रंग पंचमी एक धार्मिक त्योहार है जो देवताओं को समर्पित है। होली और रंग पंचमी दोनों ही रंगों के त्योहार हैं, लेकिन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। आइए यहां जानते हैं इस लेख में खास जानकारी...
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रंग पंचमी:
- रंग पंचमी होली के पांच दिन बाद चैत्र कृष्ण पंचमी को मनाई जाती है।
- यह त्योहार देवताओं को समर्पित है। मान्यतानुसार इस दिन देवता भी रंग खेलते हैं।
- इस दिन हवा में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जो जीवन में खुशियों का आगमन लेकर आता है।
- यह त्योहार आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से बहुत महत्व रखता है।
होली:
- होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है।
- यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- इस दिन होलिका दहन किया जाता है, जिसमें लकड़ियों और उपलों से बनी होली जलाई जाती है।
- अगले दिन धुलेंडी मनाई जाती है, जिसमें लोग एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं।
- होली का त्योहार सामाजिक और पारिवारिक रंगों का त्योहार है।
अब दोनों में मुख्य अंतर को समझें :
- होली सामाजिक और पारिवारिक रंगों का त्योहार है, जबकि रंग पंचमी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अधिक है।
- होली पर होलिका दहन किया जाता है, जबकि रंग पंचमी पर हवा में गुलाल उड़ाया जाता है।
- होली फाल्गुन पूर्णिमा को मनाई जाती है, जबकि रंग पंचमी चैत्र कृष्ण पंचमी को मनाई जाती है।
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