अबीर की सौं हम देखि हैं कैसे,
अबीर तो आंख बचाय के डारो।
आखिर में एक दिन श्याम सुंदर गोपियों के हाथ लग ही जाते हैं। इस रसिया ने हमको बहुत दुःख दिया है, हमारे मन में अपने रूप-रस की जी भरकर मोहनी भरी है, प्रेम की अनूठी अंगड़ाइयां प्रदान की हैं। यह जिस बैरन बांसुरी पर मोहित होकर हमें भूल जाता है, उसे तोड़ने का आज विधाता ने अचूक अवसर प्रदान किया है। मीठे-मीठे भावों के साथ देखिए रसिया में बदला लेने की ब्रज ललनाओं की योजना -