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यदि आप भी अपने घर में एक्वेरियम लाना चाहते हैं तो जान लीजिए ये जरूरी बातें

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नम्रता जायसवाल

इन दिनों घर बड़ा हो या छोटा, एक्वेरियम घर में रखना एक आम बात है। आए दिन हमें कभी किसी के घर, किसी ऑफिस में तो कभी किसी रेस्टोरेंट या होटल में एक्वेरियम में रखी सुंदर, रंगबिरंगी मछलियां दिखने को मिलती हैं। ऐसे में हमारे मन में भी अपने घर के ड्राइंग रूम में रखने के लिए एक प्यारा सा एक्वेरियम लाने का विचार स्वाभाविक ही आ जाता है।
 
एक्वेरियम लाने का शौक होते हुए भी कुछ लोग अपने घर में इसे रखने से कतराते हैं। इसके पीछे होती हैं उनकी गलत धारणाएं और एक्वेरियम से जुड़ी जानकारी की कमी, तो आइए, आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताते हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आपको ये निर्णय लेने में आसानी हो जाएगी कि आप अपने घर में एक्वेरियम रखें या नहीं?
 
1. घर में एक्वेरियम होने पर जब भी आपकी नजर इन रंग-बिरंगी मछलियों की ओर जाती है तब इनकी चहलकदमी देखकर आपका तनाव कम होता है और ये कमरे का माहौल भी जीवंत कर देती हैं।
 
2. कुछ लोगों को लगता है कि घर में एक्वेरियम रखना एक खर्चीला शौक है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। फिश टैंक का रखरखाव ज्यादा खर्चीला नहीं होता है। दरअसल एक्वेरियम जितना बड़ा होता है उसका रखरखाव उतना ही आसान हो जाता है।
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3. जो मछलियां फ्रेश पानी में रहती हैं वे आसानी से नई परिस्थितियों में ढल जाती हैं। छोटे फिश पॉट में मछलियां जल्दी मरती हैं, वहीं बड़े फिश टैंक में ऐसा कम ही होता है।
 
4. वाटर टैंक को अच्छे से मेंटेन करने के लिए आपको केवल समय-समय पर फिश फूड डालना, पर्याप्त लाइटिंग रखना और फिल्टरिंग का ध्यान रखना होता है।
 
5. कई लोगों को लगता हैं कि रोज एक्वेरियम का पानी कौन बदलेगा? तो आपको बता दें कि आपको रोज एक्वेरियम का पानी बदलने की जरूरत ही नहीं है। पुराने पानी में जो बैक्टीरिया हो जाते हैं वे मछलियों को जिंदा रखने में मदद करते हैं, इसलिए आपको सप्ताह में एक बार ही पानी बदलना है वो भी पूरा नहीं केवल 10-20 प्रतिशत पानी ही, बाकी पुराना पानी ही रहने दें।
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6. यदि आप फिल्टरेशन सिस्टम हैं ला रहे हैं, तो एक महीने के अंतराल में केवल 30-50 प्रतिशत ही पानी बदलें।
 
7. यदि आप सोच रहे हैं कि शुरुआत के लिए आप एक छोटे से पॉट में 1-2 गोल्ड फिश ही रख लें तो यकीन मानिए ये बहुत खराब आइडिया है। कम स्पेस होने से मछलियों को चहलकदमी करने का मौका ठीक से नहीं मिलता और वे मर जाती हैं।
 
8. यदि आप सोचते हैं कि इन प्यारी मछलियों को तो प्राकृतिक तालाब या नदी में होना चाहिए, ऐसे कैद में नहीं तो भी आप गलत सोचते हैं। पेट शॉप से लाई हुईं मछलियां ब्रीडिंग नियंत्रित वातावरण में होती हैं। ऐसे में यदि इन्हें प्राकृतिक आवास में छोड़ देंगे तो ये ज्‍यादा समय जिंदा नहीं रह पाएंगी या दूसरी मछलियां इन्हें अपना शिकार बना लेंगी।


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