केपटाउन: भारतीय टीम फिर से नॉकआउट मैच के दबाव में आ गयी जिससे गत चैम्पियन आस्ट्रेलिया ने गुरूवार को यहां पांच रन की जीत से लगातार सातवीं बार आईसीसी महिला टी20 विश्व कप फाइनल में प्रवेश किया।भारत के खराब क्षेत्ररक्षण और कैच लपकने के मौके छोड़ने से आस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 172 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया।
भारत ने 28 रन पर तीन विकेट गंवा दिये थे लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर (52 रन, 34 गेंद) और जेमिमा रोड्रिग्स (43 रन, 24 गेंद) के बीच चौथे विकेट के लिये 41 गेंद में 69 रन की साझेदारी से उसने मैच में वापसी की।
भारत को अंतिम 30 गेंद में 39 रन की जरूरत थी जो ज्यादा मुश्किल नहीं था और उसके पांच विकेट बाकी थी। लेकिन बीती कहानी फिर दोहरायी गयी और टीम निर्धारित 20 ओवर में आठ विकेट पर 167 रन ही बना सकी।
हरमनप्रीत अपनी बेहतरीन फॉर्म में दिख रही थीं और शानदार स्ट्रोक्स लगा रही थीं। उन्होंने 15वें ओवर में जार्जिया वारेहैम पर लगातार चौके जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया। लेकिन उनके रन आउट होने से मैच का रूख ही बदल गया। वह दूसरा रन लेने के प्रयास में पवेलियन पहुंच गयीं, जब एलिसा हीली ने गेंद लेकर तेजी से उन्हें रन आउट किया।हरमनप्रीत जिस तरीक से आउट हुई वह निराश थी क्योंकि वह आसानी से चलकर अपना रन पूरा कर रही थी। इस वाक्ये को मैच का टर्निंग प्वाइंट करार दिया जा रहा है।
भारतीय टीम पांच बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिय के खिलाफ पिछले विश्व कप फाइनल में भी हार गयी थी और हाल में उसे राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में भी पराजय का सामना करना पड़ा था। नॉकआउट मैच में मिली हार के बाद भारत का विश्व खिताब के लिये लंबा इंतजार और बढ़ गया।
विस्फोटक बल्लेबाज शेफाली वर्मा और स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना के सस्ते में आउट होने के बाद रोड्रिग्स और हरमनपीत ने सुनिश्चत किया कि बाउंड्री लगती रहें।
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने एक दिन पहले तेज बुखार के बावजूद इस नॉकआउट मैच खेलने का फैसला किया, उन्होंने जेफ जोनासेन पर लांग ऑन में ऊंचा छक्का जड़ा।रोड्रिग्स शुरू से ही आक्रामक बल्लेबाजी कर रही थीं, उन्होंने एशले गार्डनर की पहली दो गेंदों पर लगातार चौके जड़े।
दस ओवर के बाद भारत का स्कोर तीन विकेट पर 93 रन था और टीम जीत की ओर बढ़ती दिख रही थी। लेकिन डार्सी ब्राउन की धीमी गेंद पर रोड्रिग्स की पारी समाप्त हुई जो उनकी गेंद पर बल्ला छुआकर विकेटकीपर को कैच दे बैठी।
हरमनप्रीत कौर तेजी से रन बटोर रही थी और 15वें ओवर में रन और गेंद का अंतर 10 से भी कम था। लेकिन पैदल रन लेने की गलती ने ना केवल हरमनप्रीत को रन आउट किया बल्कि भारत से टी-20 विश्वकप का सपना भी छीन लिया।
भारत का गेंदबाजी का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा, जिससे बेथ मूनी की 37 गेंद में 54 रन की शानदारी पारी से मूनी ने भारत के खिलाफ अपना बेहतरीन रिकॉर्ड जारी रखा।
खेल की सर्वश्रेष्ठ पावर हिटर खिलाड़ियों में शुमार एशले गार्डनर ने 18 गेंद में 31 रन बनाये जबकि कप्तान मेग लैनिंग 34 गेंद में 49 रन बनाकर नाबाद रहीं।स्विंग नहीं मिलने से भारत की स्टार गेंदबाज रेणुका सिंह को काफी मुश्किल हुई।
एलिसा हीली (26 गेंद में 25 रन) आमतौर पर मूनी के साथ पहली पारी की साझेदारी में काफी आक्रामकता दिखाती हैं लेकिन गुरूवार को ऐसा नहीं हुआ। मूनी ने 52 रन की भागीदारी के दौरान नियमित अंतराल पर बाउंड्री लगाना जारी रखा। मूनी जब 32 रन पर थीं, तब लांग ऑन पर शेफाली वर्मा ने उनका कैच छोड़ दिया।
टूर्नामेंट में भारत की सबसे निरंतर स्पिनर रहीं दीप्ति शर्मा ने अपने शुरूआती स्पैल में काफी शार्ट गेंद फेंकी। उनके दूसरे ओवर में 12 रन बने जिसमें मूनी ने वाइड लांग ऑफ पर गगनचुंबी छक्का जड़ा।गेंदबाजों की अनिरंतर लाइन एवं लेंथ के अलावा खराब क्षेत्ररक्षण और कैच छोड़ने से भारत ने काफी रन लुटाये।
लैनिंग ने अपनी पारी के शुरूआत में मिले जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए 34 गेंद में नाबाद 49 रन बनाये जिसमें 20वें ओवर में रेणुका पर दो छक्के और एक चौका भी शामिल रहा।रेणुका कोई विकेट नहीं ले सकीं और चार ओवर में उन्होंने 41 रन लुटाये।
पूजा वस्त्राकर की जगह खेल रहीं स्नेह राणा कोई विकेट नहीं चटका सकीं, हालांकि उन्होंने अपनी गेंदों से बल्लेबाजों को परेशान किया। उनके पहले ओवर में लैनिंग विकेट के पीछे आउट हो सकती थीं लेकिन विकेटकीपर ऋचा घोष ने मौका गंवा दिया। ऋचा ने लैनिंग का एक स्टंपिंग का मौका भी खराब कर दिया।अंतिम पांच ओवर में आस्ट्रेलिया ने 59 रन जोड़े।