साउथ अफ्रीका के न्यूलैंड्स क्रिकेट ग्राउंड में गुरूवार की शाम को ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप के सेमी फाइनल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम को हरा कर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैंसला किया था। उन्होंने भारत के सामने 173 का लक्ष्य रखा जिसमे अहम भूमिका निभाई बेथ मूनी 54(37) और कप्तान मेग लैनिंग 49(34) ने।
इस लक्ष्य के जवाब में भारतीय टीम 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 167 रन ही बना पाई। पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय टीम को 85 रनों से हरा कर अपना पांचवा टी-20 विश्वकप खिताब जीता था। इस बार भी ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम अपने नाम छठा विश्वकप खिताब करने के उद्देश्य से आगे बढ़ रही है।
मैच के दौरान भारतीय महिला टीम कहाँ चुकी:
भारतीय टीम के लिए मैच से पहले के 24 घंटे ही मुश्किल थे। पूजा वस्त्राकर को सेमीफाइनल के लिए अनफिट घोषित कर दिया गया और उनके स्थान पर स्नेह राणा को खिलाया गया। गनीमत रही कि कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मैच खेला और उनकी पारी की बदौलत भारत मैच में वापस आ पाया। लेकिन टॉस हारने के बाद से ही टीम इंडिया ने ऐसे खराब क्रिकेट खेला-
टॉप आर्डर बल्लेबाजों का ख़राब प्रदर्शन :
ऑस्ट्रेलियाई टीम से 173 का लक्ष्य पाने के बाद भारतीय टीम अपनी पारी में टीम को एक अच्छी शुरुआत देने में असफल रही। भारतीय टीम के टॉप आर्डर के तीनों बल्लेबाज दोहरे आकंड़े के रन बटोरने में नाकामयाब रहे। टीम की सलामी बल्लेबाज शैफाली वर्मा 6 गेंदों पर 9 ही रन बना पाई। कई दिनों से फॉर्म से बहार चल रही स्मृति मंधाना 5 गेंदों में 2 रन बनाकर आउट हो गई। स्मृति के आखरी पांच इनिंग के स्कोर 6, 0, 34, 11, 2 हैं। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आई याशिका भाटिया भी 7 गेंदों में 4 रन बनाकर ग्रेस हेरिस के हाथों रन आउट होकर पवैलियन वापस लौटी। टॉप आर्डर में कोई भी बल्लेबाज न टीम को अच्छी शुरुआत दे पाया ना अच्छी पार्टनरशिप बना पाया।
विकटों के बीच की दौड़
भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर मैच के एक दिन पहले ही बीमार थी इसलिए वे मैच की पूर्व संध्या को पूजा वस्त्राकर के साथ अस्पताल भी गई थी। पूरी तरह से फिट न होने के बावजूद भी हरमनप्रीत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 वर्ल्डकप के सेमी फाइनल में भारतीय टीम का नेतृत्व किया और 173 का पीछा कर 34 गेंदों में 52 रन बनाए लेकिन वे 52 रन पर बल्लेबाजी करते हुए एक विचित्र तरीके से एश्ले गार्डनर के हाथो स्ट्राइकर एंड पर रन आउट हुईं। क्रिज पर पहुंचते वक़्त हरमनप्रीत का बल्ला जमीन में अटक गया था और वह मामूली अंतर से रन आउट हो गई।
वे जब बल्लेबाजी कर रही थी भारतीय टीम को 30 गेंदों में बस 39 रनों की तलाश थी। आखरी ओवर में भारतीय टीम को जितने के लिए 16 रनों की दरकार थी लेकिन वह अपने 8 विकेट खोकर केवल 10 रन ही बना पाई। हरमनप्रीत का रन आउट मैच की दृष्टि से एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। याशिका और जेमिमा के बीच में अच्छा तालमेल न होने के कारण वे भी ग्रेस हेरिस के हाथों रन आउट हो गई थी।
खराब फील्डिंग
ऑस्ट्रेलिया की पारी में भारतीय खिलाडियों ने खराब फील्डिंग प्रदर्शन दिखा कर एक के बाद एक ऐसे ऑस्ट्रेलियाई खिलाडियों के कैच छोड़े जिनकी भूमिका ऑस्ट्रेलियाई टीम को जिताने में अहम रही है। जब मूनी गेंद को पार्क के बाहर हिट करने की कोशिश कर रही थी तब शैफाली वर्मा ने लॉन्ग ऑन पर उनका आसान सा कैच छोड़ा। स्नेह राणा की बोलिंग के दौरान विकेट कीपर ऋचा घोष द्वारा दो मौके गवाए गए। पहला एक कैच था और दूसरा एक स्टंपिंग।