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21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग एवं संगीत दिवस, जानें इसकी 3 खास बातें

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WD Feature Desk

, शनिवार, 14 जून 2025 (09:59 IST)
International Yoga n Music Day: यह सही है कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन 'अंतरराष्ट्रीय संगीत दिवस' भी इसी दिन मनाया जाता है! यह एक सुंदर संयोग है कि दो ऐसी विधाएं जो शरीर और आत्मा को जोड़ती हैं, एक ही दिन मनाई जाती हैं। इसके अलावा यह दिन एक अन्य अवसर के लिए भी बेहद खास माना गया हैं और वो यह है कि 21 जून को यानी इसी दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।ALSO READ: 21 जून योग दिवस पर इस बार की क्या है थीम?
 
आइए जानते हैं 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग एवं संगीत दिवस की 3 खास बातें:
 
1. योग और संगीत: समग्र कल्याण पर जोर और आत्मा का मिलन:
- योग दिवस: योग का उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। यह शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग है।
- संगीत दिवस: संगीत भी मन और आत्मा को शांत करने, भावनाओं को व्यक्त करने और उपचार करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। संगीत हमें तनाव से मुक्ति दिलाता है और भीतर से खुशी महसूस कराता है।
- खास बात: 21 जून इन दोनों विधाओं के साझा लक्ष्य-समग्र कल्याण और आंतरिक शांति को उजागर करता है। दोनों ही हमें स्वयं से जुड़ने और बाहरी दुनिया के शोर से मुक्ति पाने में मदद करते हैं। कई योग सत्रों में ध्यान और प्राणायाम के साथ मधुर संगीत या मंत्रों का उपयोग किया जाता है, जो इस गहरे संबंध को और पुष्ट करता है।
 
2. वैश्विक प्रसार और सांस्कृतिक सद्भाव:
- योग दिवस: 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित होने के बाद, योग अब एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। दुनिया के हर कोने में लोग इसे अपना रहे हैं, जिससे भारत की प्राचीन संस्कृति का प्रसार हो रहा है।
- संगीत दिवस: 'फाटे दे ला म्यूजिक' के रूप में फ्रांस से शुरू हुआ यह दिवस अब 120 से अधिक देशों में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सभी को मुफ्त में संगीत बनाने और साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
- खास बात: दोनों ही दिवस सीमाओं से परे हैं। वे संस्कृतियों को जोड़ते हैं, लोगों को एक साथ लाते हैं और सार्वभौमिक भाषा में खुशी व स्वास्थ्य का संदेश देते हैं। 21 जून को दुनिया भर में लोग एक साथ योग करते और संगीत का आनंद लेते हैं, जो सांस्कृतिक सद्भाव और वैश्विक भाईचारे का एक अद्भुत प्रदर्शन है।
 
3. ग्रीष्म संक्रांति का संयोग, ऊर्जा और प्रकाश का प्रतीक :
- 21 जून: उत्तरी गोलार्ध में यह वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति के रूप में जाना जाता है। 21 जून को धरती पर सुबह दिन जल्दी होगा, जबकि सूर्यास्त देर से होगा। जिसके कारण 21 को जून सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होगी। यह दिन अधिकतम सूर्यप्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक है।
- खास बात: योग और संगीत दोनों ही आंतरिक ऊर्जा और प्रकाश को बढ़ाने में मदद करते हैं। योग शरीर को ऊर्जावान बनाता है और मन को एकाग्र करता है, जबकि संगीत आत्मा को ऊर्जा और प्रेरणा देता है। 21 जून का यह प्राकृतिक संयोग इन दोनों विधाओं के माध्यम से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और प्रकाश भरने के महत्व को रेखांकित करता है। 
 
यह हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाते हुए अपनी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को अधिकतम करने के लिए प्रेरित करता है। इन तीन खास बातों से स्पष्ट होता है कि 21 जून न केवल योग के महत्व को दर्शाता है, बल्कि संगीत के साथ मिलकर यह दिन वैश्विक स्वास्थ्य, सांस्कृतिक एकता और सकारात्मक ऊर्जा का एक शक्तिशाली प्रतीक बन जाता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: क्या 21 दिन, रोज़ 1 घंटा 'मैं स्वस्थ हूं', कहने से से ठीक हो सकते हैं लाइलाज रोग! समझिए एमिल कुए की विधि का रहस्य

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