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World Post Day: विश्व डाक दिवस कब मनाया जाता है, पढ़ें रोचक जानकारी और 2024 की थीम

हमें फॉलो करें World Post Day: विश्व डाक दिवस कब मनाया जाता है, पढ़ें रोचक जानकारी और 2024 की थीम

WD Feature Desk

, बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 (10:10 IST)
Highlights  
  • विश्व डाक दिवस की शुरुआत कैसे हुई।
  • भारत का पहला डाकघर कौन सा था?
  • विश्व पोस्ट दिवस क्यों मनाया जाता है।
World Post Day : विश्व डाक दिवस प्रतिवर्ष 09 अक्टूबर को मनाया जाता है। सन् 1874 में इसके गठन के लिए आज ही के दिन स्विस की राजधानी बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की 22 देशों ने संधि की थी। पुराने समय में हमारे जीवन में डिजिटल संचार की दुनिया आने के पहले डाक ही एकमात्र विकल्प था और डाक के जरिए ही इसका कार्य किया जाता था और और अगर कोई जरूरी संदेश हो, तो उसे टेलीग्राफ द्वारा भेजा जाता था।
 
विश्व डाक दिवस का इतिहास क्या हैं : विश्व डाक दिवस का इतिहास सन् 1840 से शुरू होता है। जिसमें ब्रिटेन में सर रॉलैंड हिल ने एक नई व्यवस्था को शुरू किया था, यहां पत्र तैयार किए जाते थे। कहा जाता है कि उन्होंने ही दुनिया की पहली अंतरराष्ट्रीय डाक सेवा शुरू की थी। अत: इसका श्रेय सर रॉलैंड हिल को ही दिया जाता है। इसके तहत उन्होंने यह भी नियम बनाया था कि स्थानीय सेवा के विशेष वजन के लिए एक तय शुल्क लगेगा। 
 
भारत का सबसे बड़ा डाकघर कहां पर स्थित है : बता दें कि विश्व का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस भारत के हिमाचल प्रदेश में है। यह हिमाचल की राजधानी शिमला से करीब 500 किमी दूरी पर यह पोस्ट ऑफिस है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। तथा भारत का सबसे बड़ा सामान्य डाकघर मुंबई में है, जिसकी स्थापना सन् 1794 में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस मुंबई में की गई थी। उसके बाद से हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। तथा सन् 1969 में टोक्यो, जापान में आयोजित यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) कांग्रेस द्वारा इसे विश्व डाक दिवस मनाने के रूप में घोषित किया गया था।
 
विश्व डाक दिवस थीम 2024 जानें : वर्ष 2024 में विश्व डाक दिवस की थीम का विषय 'संचार को सक्षम बनाने और राष्ट्रों में लोगों को सशक्त बनाने के 150 वर्ष' (150 years of enabling communication and empowering people across nations) तय की गई है, जिसका उद्देश्य डाक प्रणाली की परिवर्तनकारी भूमिका का सम्मान करना तथा डाक सेवाअतों द्वारा व्यवसाय और सरकार को जोड़ने की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। साथ ही नित्य जीवन में डाक का योगदान और तथा सामाजिक और आर्थिक विकास में इसके योगदान का जश्न मनाना भी है। 
 
भारत में प्रथम डाकघर कहां है : आपको बता दें कि भारत में सन् 1766 में पहली बार डाक व्यवस्था का प्रारंभ हुआ तथा कोलकाता में वारेन हेस्टिंग्स द्वारा वर्ष 1774 को प्रथम डाकघर स्थापित किया गया था। और भारत में सन् 1852 में प्रथम बार चिट्‍ठियों पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई, जिसमें 1 अक्टूबर 1854 को महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट जारी किया गया था। इस दिन डाक सेवाओं को लेकर विशेष कार्यक्रम, प्रदर्शनियां तथा जागरूकता अभियान चलाया जाता है, जिसका उद्देश्य विश्व स्तर पर लोगों को जोड़ने में डाक क्षेत्र की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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