World Press Freedom Day: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस आज, जानें इतिहास और महत्व
क्यों मनाया जाता है विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस
• 3 मई को क्यों मनाया जाता है विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस।
• विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस क्या है।
• अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस आज।
Vishva Press Swatantrata diwas : प्रतिवर्ष 03 मई को अंतरराष्ट्रीय/ विश्व पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। प्रेस दुनिया में खबरें पहुंचाने का सबसे बेहतरीन माध्यम है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। और फिर 3 मई को मनाए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारत में भी प्रेस की स्वतंत्रता पर बातचीत होना लाजिमी है।
भारत में अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर चर्चा होती रहती है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है। प्रेस किसी भी समाज का आईना होता है। प्रेस की आजादी से यह बात साबित होती है कि उस देश में अभिव्यक्ति की कितनी स्वतंत्रता है।
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक जरूरत है। प्रेस और मीडिया हमारे आसपास घटित होने वाली घटनाओं से हमें अवगत करवा कर हमारे लिए खबर वाहक का काम करती हैं, यही खबरें हमें दुनिया से जोड़े रखती हैं। प्रेस की आजादी और समाचारों को लोगों तक पहुंचाकर, सशक्त हो रहे मीडियाकर्मियों का व्यापक विकास करना इसका उद्देश्य है।
प्रेस की आजादी को सम्मान देने के लिए ही संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 3 मई को विश्व स्तर पर 'विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस' घोषित किया गया, जिसे विश्व प्रेस दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
बता दें कि यूनेस्को (UNESCO) द्वारा सन् 1997 से हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर 'गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज' (Guillermo Cano Press Freedom Prize) भी दिया जाता है। यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्थान को दिया जाता है जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो। सन् 1997 से अब तक भारत के किसी भी पत्रकार को यह पुरस्कार नहीं मिलने की एक बड़ी वजह कई वरिष्ठ पत्रकार पश्चिम और भारत में पत्रकारिता के मानदंडों में अंतर को बताते हैं।
भारतीय पत्रकारिता में हमेशा विचार हावी होता है, जबकि पश्चिम में तथ्यात्मकता पर जोर दिया जाता है। इससे कहीं न कहीं हमारे पत्रकारिता के स्तर में कमी आती है। इसके अलावा भारतीय पत्रकारों में पुरस्कारों के प्रति जागरूकता की भी कमी है, वे इसके लिए प्रयासरत नहीं रहते। अत: 3 मई को मनाए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारत में भी प्रेस की स्वतंत्रता पर बातचीत होना लाजिमी है।
आज मीडिया को महत्वपूर्ण माना जाता है और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहा जाता हैं, लेकिन वर्तमान समय में पत्रकारिता करना एक बहुत जोखिम भरा पेशा बन चुका है अत: दुनियाभर में आए दिन पत्रकारों पर जानलेवा हमले होते हैं और वे अपनी जान तब गवां बैठते है। अत: मीडिया के महत्व और पत्रकारिता के पेशे के खतरों को देखते हुए ही प्रतिवर्ष 03 मई को 'विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस' मनाया जाता है. जिसका प्रमुख उद्देश्य इसके प्रेस स्वतंत्रता का मूल्यांकन करना, उसके सिद्धांतों का जश्न मनाना, तथा आए दिन पत्रकारों पर होने वाले हमलों से उसकी रक्षा करके अपनी जान गंवा देने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि देना भी है।
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