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Bhargavastra : आ गया दुश्मनों के ड्रोन्स का काल, Pakistan और China के हर वार को आसमान में ही कर देगा भस्म, देखें Video

अब भारत को एक नया 'भार्गवास्त्र' (Bhargavastra) मिल गया है। यह एंटी ड्रोन सिस्टम पलक झपकते ही दुश्मनों के हर स्वार्म ड्रोन को राख में तब्दील कर देगा।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 14 मई 2025 (17:44 IST)
What is Bhargavastra :  पाकिस्तान के आतंकियों के खिलाफ भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी होल्ड पर है। पाकिस्तान अगर आतंकी हरकतें बंद नहीं करता है तो भारत फिर से तबाही का तांडव शुरू कर सकता है।   भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन्स हमलों को नाकाम कर उसके मंसूबों पर पानी फेरा। अब भारत को एक नया 'भार्गवास्त्र' (Bhargavastra) मिल गया है। यह एंटी ड्रोन सिस्टम पलक झपकते ही दुश्मनों के हर स्वार्म ड्रोन को राख में तब्दील कर देगा। इस ड्रोन कीलर से पाकिस्तान और चीन चैन से सो नहीं पाएंगे।
 
 
ड्रोन्स को सीधे तबाह कर सकता है भार्गवास्त्र
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से भारत के बॉर्डर एरिया में कई जगह ड्रोन से हमले की कोशिशें हुईं। हालांकि हमारे एंटी ड्रोन सिस्टम ने उन्हें फेल कर दिया। खास अस्त्र दुश्मनों के ड्रोन अटैक लिए काल साबित होगा। भारत ने भार्गवास्त्र का परीक्षण किया जिसमें यह सफल रहा है। आजकल जिस तरह से ड्रोन अटैक का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में यह सिस्टम बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। 'भार्गवास्त्र' माइक्रो मिसाइल रक्षा प्रणाली है। 'भार्गवास्त्र' एक कम कीमत वाला एंट्री ड्रोन सिस्टम है, 'हार्ड किल' मोड में काम करता है। यह ड्रोन को सीधे नष्ट कर सकता है। भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ा देगा।
ड्रोन्स की झुंड भी हो जाएंगे राख  
भार्गवास्त्र 2.5 किमी तक की दूरी पर छोटे, आने वाले ड्रोन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में कामयाब है। यह ड्रोन्स की झुंड को सेकंड्‍स में बेअसर कर सकता है। यह काउंटर ड्रोन सिस्टम मॉड्यूलर है, सेंसर (रडार, ईओ और आरएफ रिसीवर) और शूटर को उपयोगकर्ता की आवश्यकता के अनुसार कॉन्फिगर किया जा सकता है और इसे लेयर्ड और टियर्ड एडी कवर के लिए एकीकृत तरीके से काम करने के लिए बनाया जा सकता है। इससे लंबी दूरी पर लक्ष्यों को निशाना बनाया जा सकता है। C4I (कमांड, कंट्रोल, संचार, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस) तकनीक से युक्त कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर से लैस, सिस्टम का रडार 6 से 10 किमी दूर से छोटे हवाई खतरों का पता लगा सकता है। इसका इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (ईओ/आईआर) सेंसर सूट लो रडार क्रॉस-सेक्शन (एलआरसीएस) लक्ष्यों की सटीक पहचान करता है। 
टेस्टिंग में सफल रहा भार्गवास्त्र
गोपालपुर के सीवर्ड फायरिंग रेंज में काउंटर ड्रोन सिस्टम 'भार्गवास्त्र' की टेस्टिंग हुई। परीक्षण के दौरान, इस रॉकेट ने सभी मापदंडों को पूरा किया। सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) के मुताबिक  यह तकनीक बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को कम करने में सक्षम है। कुल तीन परीक्षण किए गए। पहले दो परीक्षणों में, एक-एक रॉकेट दागा गया। कंपनी का कहना है कि यह सिस्टम ड्रोन हमलों से सुरक्षा में एक नया कदम है। तीसरी टेस्टिंग में 2 सेकंड के भीतर दो रॉकेट एक साथ दागे गए। इसे 'साल्वो मोड' कहते हैं। चारों रॉकेट ने उम्मीद के मुताबिक काम किया। सभी जरूरी चीजें सही पाई गईं। सभी चार रॉकेट ने आवश्यक लॉन्च पैरामीटर हासिल किए।  Edited by: Sudhir Sharma

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