kargil vijay diwas : 26 जुलाई 1999 को कारगिल में जो युद्ध प्रारंभ हुआ था उसे ऑपरेशन विजय नाम दिया गया था। कारगिल क्षेत्र की कई पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकियों के साथ नियंत्रण रेखा पार करके कई पर्वतों की चोटियों पर कब्जा कर लिया गया था। इसी कब्जे को मुक्त कराने के लिए यह युद्ध हुआ था।
ऐसी लड़ाई लड़ी भारतीय वीर सपूतों ने कारगिल में:
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युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिक 15 हजार फीट ऊपर थे और भारतीय सेना उनसे चार हजार फीट नीचे थी।
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भारतीय सेना ने 9 जून को बाल्टिक क्षेत्र की 2 चौकियों पर कब्जा कर लिया।
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फिर 13 जून को द्रास सेक्टर में तोलोलिंग पर कब्जा जमाया।
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हमारी सेना ने 29 जून को दो अन्य महत्वपूर्ण चौकियों 5060 और 5100 पर कब्जा कर अपना परचम फहरा दिया।
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11 घंटे लड़ाई के बाद पुन: टाइगर हिल्स पर भारतीय सेना का कब्जा हो गया, फिर बटालिक में स्थित जुबर हिल को भी कब्जाया गया।
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कैप्टन विक्रम बत्रा 1999 के कारगिल युद्ध के हीरो थे। उन्होंने पॉइंट 5140 को पाकिस्तानी कब्जे से मुक्त करवाया था।
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26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था।
इस तरह के हथियारों का उपयोग किया कारगिल युद्ध में:-
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युद्ध में आर्टिलरी तोप से 2,50,000 गोले और रॉकेट दागे गए थे।
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300 से अधिक तोपों, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों से रोज करीब 5,000 बम फायर किए गए थे।
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इस युद्ध में पहली बार बोफोर्स तोपों का प्रयोग किया गया है।
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कारगिल की ऊंचाई समुद्र तल से 16,000 से 18,000 फुट ऊपर है, ऐसे में उड़ान भरने के लिए विमानों को करीब 20,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ना पड़ता है।
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कारगिल युद्ध में मिराज के लिए महज 12 दिन में लेजर गाइडेड बम प्रणाली तैयार की गई थी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 विमानों का प्रयोग किया था।