यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार तुलसी में बीमारियों को ठीक करने की जबर्दस्त क्षमता है। तुलसी में संक्रमण को दूर करने के साथ-साथ तनाव और अन्य बीमारियों के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है। यह सर्दी-जुकाम के प्रभाव को कम कर देती है और बुखार का संक्रमण कम करने के साथ मलेरिया, चिकन पॉक्स, मीजल्स, एन्फ्लूएंजा और अस्थमा जैसी बीमारियों को भी ठीक कर देती है।
तुलसी खासतौर पर दिल की रक्त वाहिकाओं, लीवर, फेफड़े, उच्च रक्तचाप तथा रक्त शर्करा को भी कम करने में मददगार साबित होती है। अत: संक्रमण के समय में तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
सामग्री :
तुलसी के सुखाए हुए पत्ते (जिन्हें छाया में रखकर सुखाया गया हो) 500 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, तेजपान 100 ग्राम, सौंफ 250 ग्राम, छोटी इलायची के दाने 150 ग्राम और 25 ग्राम काली मिर्च ले लें।
कैसे बनाएं यह काढ़ा, पढ़ें सरल विधि :
सब पदार्थों को एक-एक करके इमाम दस्ते (खल बत्ते) में डालें और मोटा-मोटा कूटकर सबको मिलाकर किसी बरनी में भरकर रख लें। बस, तुलसी काढ़ा की सामग्री तैयार है। 2 कप चाय के लिए यह आधा छोटा चम्मच तुलसी का मिश्रण काफी है।
दो कप पानी एक तपेली में डालकर गरम होने के लिए आग पर रख दें। जब पानी उबलने लगे तब तपेली नीचे उतार कर आधा छोटा चम्मच मिश्रण डालकर फौरन ढक्कन से ढंक दें। थोड़ी देर तक उबलने दें फिर छानकर कप में डाल लें। और थोड़ा गरम रहने पर ही फूंक मारकर इस काढ़े का सेवन करें।