कच्चे आम का पना गर्मियों के मौसम में सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला पारंपरिक भारतीय पेय हैं। यह बहुत ही स्वादिष्ट होता है। जब गर्मियां अपने चरम पर हों तब आप 'पना' बनाकर पी सकते हैं। यह आपके शरीर को शीतलता व तरावट देता है और आपको गर्मी व लू से भी बचाता है। इसे बनाना ना केवल बेहद आसान है, बल्कि यह बहुत जल्दी भी बन जाता है। तो आइए हम बनाते हैं आम का पना और जानते हैं सेहत के फायदे-
सामग्री :
300 ग्राम कच्चे आम (2-3 मीडियम आकार के), 2 छोटे चम्मच भुना जीरा पावडर, स्वादानुसार काला नमक, एक चौथाई छोटी चम्मच काली मिर्च, 100-150 ग्राम (1/2 - 3/4 कप) चीनी, 20-30 पुदीना की पत्तियां, सादा नमक आवश्यकतानुसार।
विधि :
पुराने समय में जब खाना चूल्हे पर बनाया जाता था, तब लोग कच्चे आम को चूल्हे की राख में दबा कर भून लिया करते थे और फिर इन भूने हुए कच्चे आमों से आम का पना बनाते थे।
आजकल हम कच्चे आम को उबाल कर पीस लेते हैं और फिर इससे आम का पना बना लेते हैं। लेकिन उबले हुए आमों को छील कर उनका गूदा निकालने की जगह कच्चे आमों को उबालने से पहले ही छील लेना ज्यादा सुविधाजनक होता है। आज हम आम का पना इसी तरीके से बनाएंगे।
इसके लिए सबसे पहले कच्चे आमों को धोकर उन्हें छील लीजिए और फिर उनकी गुठलियों से गूदे को अलग करके एक-दो कप पानी में डालकर उबाल लीजिए। अब मिक्सी में यह उबला हुआ गूदा, चीनी, काला नमक और पुदीने की पत्तियां डालकर अच्छी तरह से पीस लीजिए और फिर इसमें एक लीटर ठंडा पानी मिला कर इसे छलनी में छान लीजिए।
आम का पना तैयार है। अब इसमें काली मिर्च व भूना हुआ जीरा पावडर डालकर अच्छे से मिलाइए और फिर बर्फ के टुकड़े डालकर ठंडा-ठंडा परोसिए। यदि आप चाहें तो इस आम के पने को पुदीने की पत्तियों से सजा कर भी परोस सकते हैं।
कैरी का पना पीने के फायदे
1. गर्मी के दिनों में इसका रोजाना इस्तेमाल पेट की समस्याओं से दूर रखेगा और पाचनक्रिया को दुरुस्त रखने में भी सहायक होगा। यह एक बढ़िया पाचक पेय है।
2. कैरी का पना गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाने में बेहद फायदेमंद है। यह आपको लू की चपेट में आने से बचाएगा और शरीर में तरलता बनाए रखने में मददगार होगा।
3. पेट की गर्मी को खत्म करने के साथ ही यह पाचक रसों के निर्माण में मदद करता है।
4. विटामिन सी से भरपूर हेने के कारण यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से आपकी रक्षा करता है।
5. टीबी, एनिमिया, हैजा जैसी बीमारियों के लिए भी यह टॉनिक की तरह काम करता है। साथ ही पसीने में शरीर से निकलने वाले सोडियम और जिंक का स्तर भी बनाए रखता है।