तुलसी भारत में सबसे पवित्र जड़ी बूटी मानी जाती है। इसे जड़ी बूटियों की रानी भी कहा जाता है। यह एक औषधीय पौधा है। तुलसी की चाय स्वास्थ्य की रक्षा करने वाली, दिमागी शक्ति बढ़ाने वाली और प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाकर रोगों से बचाने वाली होती है।
सामग्री :
तुलसी के सुखाए हुए पत्ते (जिन्हें छाया में रखकर सुखाया गया हो) 500 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, तेजपान 100 ग्राम, ब्राह्मी बूटी 100 ग्राम, बनफशा 25 ग्राम, सौंफ 250 ग्राम, छोटी इलायची के दाने 150 ग्राम, लाल चन्दन 250 ग्राम और काली मिर्च 25 ग्राम।
विधि :
सब पदार्थों को एक-एक करके इमाम दस्ते (खल बत्ते) में डालें और मोटा-मोटा कूटकर सबको मिलाकर किसी बरनी में भरकर रख लें। बस, तुलसी की चाय तैयार है। दो कप चाय के लिए यह 'तुलसी चाय' का मिश्रण (चूर्ण) आधा छोटा चम्मच भर लेना काफी है।
दो कप पानी एक तपेली में डालकर गरम होने के लिए आग पर रख दें। जब पानी उबलने लगे तब तपेली नीचे उतार कर आधा छोटा चम्मच मिश्रण डालकर फौरन ढक्कन से ढंक दें। थोड़ी देर तक उबलने दें फिर छानकर कप में डाल लें।
मीठा करना चाहें तो उबलने के लिए आग पर तपेली रखते समय ही उचित मात्रा में शकर डाल दें और गरम होने के लिए रख दें।
नोट : इस चाय में दूध नहीं डाला जाता है।