नई दिल्ली। झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार होंगी। भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनकी उम्मीदवारी का ऐलान किया। इस चुनाव में यदि मुर्मू की जीत होती है तो वे देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। 64 वर्षीय मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। वे झारखंड की पहली राज्यपाल थीं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। मुर्मू अपना नामांकन 25 जून को दाखिल कर सकती हैं।
पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा ने दलित नेता रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया था और इस बार एक आदिवासी नेता को इस पद के लिए उम्मीदवार बनाकर समाज में एक संदेश देने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल हुए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर संसदीय बोर्ड की बैठक में 20 नामों पर चर्चा की गई और अंतत: इस बात पर सहमति बनी कि राजग को इस संवैधानिक पद के लिए देश के पूर्वी इलाके से किसी महिला को प्रत्याशी बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि चूंकि आज तक कोई आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में नहीं आया है इसलिए राजग ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।
नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार को लेकर विभिन्न दलों के बीच सहमति बनाने के लिए पार्टी की तरफ से राजनाथ सिह और उन्हें अधिकृत किया गया था। उन्होंने कहा कि सभी दलों से बातचीत करके राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सर्वसम्मति बनाते हुए हम आगे बढ़ना चाहते थे। राजनाथ सिंह ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की। मैंने भी बातचीत की। लेकिन बात नहीं बन सकी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हम चाहते थे कि राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार सर्व सहमति का हो लेकिन संप्रग ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना अब तय माना जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है। 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है।
क्या बोलीं द्रौपदी मुर्मू : नाम का ऐलान होने के बाद मुर्मू ने कहा कि मैं आश्चर्य में हूं और मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैं आप सभी की आभारी हूं और ज्यादा बोलने की इच्छा नहीं है। संविधान में राष्ट्रपति की जो भी शक्तियां हैं, मैं उसके अनुसार काम करूंगी। हमारा काम लोगों के पास जाना, निर्वाचक मंडल के सदस्यों तक पहुंचना और उनका सहयोग लेना है। मैं सभी दलों और राज्यों से समर्थन के लिए अनुरोध करूंगी।
एनडीए की मजबूत स्थिति : राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर भाजपा नीत राजग मजबूत स्थिति में है और उसे यदि बीजद या आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसकी जीत निश्चित हो जाएगी। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी बीजद ने राजग उम्मीदवार कोविंद का समर्थन किया था। मुर्मू की उम्मीदवारी का विरोध करना झारखंड की सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि उसका मुख्य आधार आदिवासियों के बीच ही है।
क्या बोले पीएम मोदी : मुर्मू के नाम की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल भी उत्कृष्ट रहा है। मोदी ने उम्मीद जताई कि वह देश की एक महान राष्ट्रपति साबित होंगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लाखों लोग, जिन्होंने गरीबी का अनुभव किया है और जीवन में कठिनाइयों का सामना किया है, वे द्रौपदी मुर्मू के जीवन से शक्ति प्राप्त करते हैं। नीतिगत मुद्दों पर उनकी समझ और उनकी दयालु प्रवृत्ति से देश को बहुत फायदा होगा।
मोदी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने समाज की सेवा और गरीबों, वंचितों और शोषितों के सशक्तिकरण में अपना जीवन खपा दिया। उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल भी उत्कृष्ट रहा। मुझे विश्वास है कि वह हमारे देश की एक महान राष्ट्रपति साबित होंगी।
क्या बोले नवीन पटनायक : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का NDA के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में होना ओडिशा के लिए गर्व का क्षण है। जब प्रधानमंत्री मोदी ने मेरे साथ इस पर चर्चा की तो मुझे बहुत खुशी हुई। वे देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी।