कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा पिछले 2 वर्षों से बहुत चर्चा में हैं। वे शिव पुराण पर आधारित कथाओं का वाचन करते हैं। वे जहां भी जाते हैं वहां कथा सुनने वालों की बहुत भीड़ उमड़ती है। कथा के साथ ही वे जीवन को सुखी बनाने के लिए छोटे छोटे उपाय भी बताते हैं इस कारण भी वे बहुत लोकप्रिय हैं। आओ जानते हैं कि वे कैसे बन गए कथा वाचक से सेलिब्रिटी प्रवचनकार।
Pandit pradeep mishra ji katha vachak : पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1980 में सिहोर में हुआ था। इनका उपनाम रघु राम है। उन्होंने ग्रजुएशन तक शिक्षा प्राप्त की है। उनके पिता का नाम पंडित श्री रामेश्वर दयाल जी मिश्रा है, जिनका 2 जून को ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया था। पंडित प्रदीप मिश्राजी के 2 भाई है जिनका नाम दीपक एवं विनय मिश्रा है।
उनके पिता स्व. रामेश्वर मिश्रा ज्याद पढ़े लिखे नहीं थे। वे पहले चने का ठेला लगाते थे। बाद में चाय की दुकान लगाने लगे। वहीं पर प्रदीपजी भी पिाता के काम में हाथ बंटाते थे। बड़े मुश्किल हालातों में बहन की शादी की। पंडित मिश्रा को बचपन से ही भक्ति भजन में काफी रुचि थी जिसके चलते वे अपने स्कूल के दिनों में ही भजन कीर्तन किया करते थे।
मिश्राजी थोड़े बड़े हुए तो सीहोर में ही एक ब्राह्मण परिवार की गीता बाई पराशर नाम की महिला ने उन्हें कथा वाचक बनने के लिए प्रेरित किया। वो दूसरों के घरों में खाना बनाकर गुजारा करती थीं। मैं उनके घर पर गया था, तो उन्होंने मिश्राजी को गुरुदीक्षा के लिए इंदौर भेजा। गुरु श्री विठलेश राय काका जी उन्होंने दीक्षा लेकर पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया। गुरु और गुरुमाता ने उन्हें शिक्षा दिक्षा देकर कहा कि तेरा पांडाल कभी खाली नहीं रहेगा।
पंडित प्रदीप मिश्राजी ने प्रारंभ में शिव मंदिर में कथा बाचन शुरु किया। वहीं वे शिव मंदिर की सफाई भी करते थे। इसके बाद सीहोर में ही पहली बार मंच पर कथावाचक के रूप में उन्होंने शुरुआत की। अपने कथा के कार्यक्रमों में पंडित प्रदीप मिश्रा लोगों से कहते हैं- 'एक लोटा जल समस्या का हल।' बस यह बात लोगों के मन में बैठ गई और शिवजी की कृपा से पंडित प्रदीप मिश्राजी को फिर जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।
मिश्राजी को 'सीहोर वाले बाबा' के नाम से भी जाना जाता हैं जिनकी कथा नियमित रूप से आस्था चैनल पर दिखाई जाती है। पंडित प्रदीप मिश्रा की सबसे बड़ी रोचक बात यह है कि यह अपने प्रवचन में शिवपुराण की कथा सबसे ज्यादा करते हैं और उसके उपाय भी बताते हैं जिसके चलते वे प्रसिद्ध हुए। पंडित मिश्रा के यूट्यूब और फेसबुक पर लाखों फॉलोअर हैं। वे अपनी ज्यादातर कमाई का हिस्सा दान में दे देते हैं जिससे दीन-दुखों का भला हो जाता है।