भारतीय लोग ऋषि, मुनियों, राजर्षियों की संताने हैं। वैदिक ऋषियों में कौशिव ऋषि और उनके वंशज की बातें भी कही जाती है। आओ जानते हैं कि कौशिक ऋषि कौन थे और कौन है उनके वंशज।
कौशिक ऋषि:
1. ऋग्वेद के तृतीय मंडल में 30वें, 33वें तथा 53वें सूक्त में महर्षि विश्वामित्र का वर्णन मिलता है। वहां से ज्ञान होता है कि ये कुशिक गोत्रोत्पन्न कौशिक थे।
2. कहते हैं कि ये कौशिक लोग सारे संसार का रहस्य जानते थे। हालांकि खुद विश्वामित्र तो कश्यप वंशी थे इसलिए कौशिक या कुशिक भी कश्यप वंशी हुए।
3. कुशिक तो विश्वामित्र के दादा थे। च्यवन के वंशज ऋचीक ने कुशिक पुत्र गाधि की पुत्री से विवाह किया जिससे जमदग्नि पैदा हुए। उनके पुत्र परशुराम हुए।
4. प्रजापति के पुत्र कुश, कुश के पुत्र कुशनाभ और कुशनाभ के पुत्र राजा गाधि थे। विश्वामित्रजी उन्हीं गाधि के पुत्र थे। कहते हैं कि कौशिक ऋषि कुरुक्षेत्र के निवासी थे।
5. प्रजापति के पुत्र कुश, कुश के पुत्र कुशनाभ और कुशनाभ के पुत्र राजा गाधि थे।
6. एक कौशिक मुनि युधिष्ठिर की सभा में उनके पास बैठते थे। महाभारत के सभापर्व में इसका उल्लेख मिलता है।
7. पुराणों में एक कौशिक नाम के प्रसिद्ध ब्राह्मण थे, जो वेद का अध्ययन करने वाले, तपस्या के धनी धर्मात्मा थे। इन्हें तपस्वी ब्राह्मण की सम्पूर्ण द्विजातियों में श्रेष्ठ समझा जाता था। द्विज श्रेष्ठ कौशिक ने सम्पूर्ण अंगों सहित वेदों और उपनिषदों का अध्ययन भी किया था।