आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा को उनके चमत्कारों के कारण जाना जाता है जिसके चलते वे विवादों में भी रहे हैं। हालांकि उन्होंने जो समाज सेवा की है वह अतुलनीय है। उन्हें उनकी समाज सेवा के लिए जाना जाना चाहिए। वे कहते भी हैं कि प्रार्थना करने वाले हाथों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है सेवा करने वाले हाथ। 23 नवंबर को सत्यसाई बाबा का जन्म आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में में हुआ था। आओ जानते हैं उनके बारे में कुछ खास।
शिरडी के साईं बाबा का अवतार : 1940 में उनके पैर में बिच्छू ने काटा। वे बेहोश हो गये। करीब चार घंटे बाद जब उनकी आंख खुली तो पूरा गांव उन्हें देख चकित रह गया। बाबा अचानक संस्कृत के श्लोक बोलने लगे। वे धारा प्रवाह संस्कृत बोल रहे थे, जबकि उन्होंने पहले कभी संस्कृत नहीं पढ़ी थी। अचानक ज्ञान का भंडार देख उनके माता-पिता घबरा गये और उन्हें लेकर डॉक्टरों व पुजारियों के पास गये। तभी एक दिन बाबा ने कहा कि मैं शिरडी के साईं बाबा का अवतार हूं, मुझसे डरो नहीं।
सत्यसाईं बाबा के चमत्कार :
1. बताया जाता है कि सत्य साईं बाबा के जन्म के वक़्त भी चमत्कार हुआ था जब घर में रखे वाद्ययंत्र अचानक से बजने लगे थे।
2. बचपन में सत्य साईं ने कुछ फूल लेकर और यूं ही जमीन पर बिखेर दिए थे। जब लोगों ने जमीन पर बिखरे फूलों को देखा तो वहीं तेलगू में लिखा था साईं।
3. सत्य साईं बाबा अक्सर हवा में हाथ लहराते हुए हाथों में भभूती ले आते थे और अपने भक्तों को दे देते थे। कई बार वे छोटे से पात्र से कई किलों भभूति निकाल देते थे।
4. अक्सर वे हवा में हाथ लहराते हुए हाथों में सोने या चांदी की चेन ले आते थे और अपने किसी भक्त के गले में डाल देते थे।
5. ऐसे भी कहा जाता है कि वे कई मरीजों को छूकर उन्हें ठीक कर देते थे।
6. इनके हवा से भभूति बरसाना, हाथों में सोने की चेन या अंगूठी का अचानक आ जाना, शिवरात्रि पर सोने का शिवलिंग अपने मुंह से निकालना आदि चमत्कारों को देखकर जनता में और भी ज्यादा श्रद्धा उत्पन्न हो जाती थी।
सत्य साईं बाबा के सेवा कार्य :
1. उन्होंने पुट्टपर्ती में 'प्रशांति निलयम आश्रम की स्थापना की, जिसका उद्घाटन बाबा के 25वें जन्म दिन पर 1950 में उन्हीं के द्वारा किया गया। यहां वे नित्य दर्शन देते थे और यही के अस्पताल में लोगों का इलाज भी होता रहा है।
2. पूरे हिन्दूस्तान में मुफ्त ओपन हार्ट सर्जरी की व्यवस्था मात्र सत्य साईं बाबा के अस्पताल में हैं। देश का ऐसा कोई कोना नहीं है जहां बाबा के सेवा कार्यों ने अपनी पहचान स्थापित ना की हो। देश-विदेश के नामी गिरामी चिकित्सक बाबा के अस्पतालों में मुफ्त सेवाएं देते हैं। इसकी शुरुआत पुट्टपर्थी में एक छोटे से अस्पताल के निर्माण के साथ हुई, जो अब 220 बिस्तर वाले सुपर स्पेशलिटी सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेस का रूप ले चुका है.
3. सत्य साई बाबा ने देशभर में कई स्कूल और अस्पताल खुलवाएं हैं। साथ ही उन्होंने आंध्र प्रदेश की जनता के साफ और स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए सरकार की भरपूर मदद की है। 20 वीं सदी में जब आंध्र प्रदेश में बुरा अकाल पड़ा था तब सत्यसाई बाबा ने 750 गांवों के लिए पानी की व्यवस्था की थी। उनके सामाजिक कल्याण कार्यों में महिलाएं, बच्चियां युवा, ग्रामीण वर्ग, कमजोर आर्थिक वर्ग, अपंग, अनाथ, असहाय व बुजुर्गों के लिए अलग-अलग सेवा कार्य संपन्न किए जाते हैं।
3. जब भी कहीं बाड़, तूफान या अन्य किसी प्राकृतिक आपदा से कहीं तबाही होती हैं तो साईं बाबा के ट्रस्ट के माध्यम से तन, मन और धन से सेवा की जाती रही है। उन्होंने अपनी मां ईश्वरम्मा के नाम से ट्रस्ट स्थापित करने के साथ ही उनके साईं यूथ इंडिया, साईं बाल विकास, इंटरनेशनल साईं ऑर्गनाइजेशन, साईं बुक्स एंड पब्लिकेशन डिविजन, व्हाइट फिल्ड हॉस्पिटल, सत्य साईं मेडिकल ट्रस्ट, देश भर में संचालित श्री सत्य साईं हायर सेकेंडरी स्कूल, सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग की तीन प्रमुख शाखाएं प्रशांति निलयम, अनंतपूरम, वृंदावन हैं जिसके तहत कला, विज्ञान, गणित, भाषा, एमबीए, टेक्नोलॉजी, पीएचडी, स्पोर्टस् व रिसर्च की महती सुविधाएं हैं।
24 अप्रैल 2011 को 7:40 बजे उन्होंने दुनिया को त्याग दिया।