23 नवंबर पुट्टपर्थी के सत्य साईं बाबा के जन्मदिन पर विशेष। शिरडी के साईं बाबा करीब 16 साल की उम्र में शिरडी में आए थे। उन्होंने 15 अक्टूबर दशहरे के दिन 1918 में समाधि ले ली थी। समाधि लेने के बाद शिरडी में यह चर्चा चल पड़ी की बाबा 8 साल बाद पुन: जन्म लेंगे। हालांकि बाबा ने इस बात के संकेत भी दिए थे।
दो लोगों के किया साईं होने का दावा : शिरडी के साईं बाबा ने 8 साल बाद जन्म लिया या नहीं लिया यह तो हम नहीं जानते हैं लेकिन खुद को साईं का अवातर करने वाले दो लोगों ने जरूर जन्म लिया था जिसमें एक का नाम सत्यनारायण राजू था और दूसरे का नाम अनिरुद्ध बापू है।
सत्यनारायण राजू : शिरडी के साईं बाबा के समाधि लेने के ठीक 8 साल बाद आंध प्रदेश के पुट्टपर्थी नामक स्थान पर 1926 में सत्यनारायण राजू का जन्म हुआ। राजू को 13 साल की उम्र में ही उन्हें साईं का अवतार मान लिया गया। सत्यनारायण राजू ने ही सर्वप्रथम 1940 को स्वयं को सांई बाबा घोषित किया था। उन्होंने कहा कि 'मैं शिवशक्ति स्वरूप, शिरडी साईं का अवतार हूं। यह कहकर उन्होंने मुट्ठी भर चमेली के फूलों को हवा में उछाल दिया, जो धरती पर गिरते ही तेलुगू में 'साईंबाबा लिख गए।
बड़े-बड़े झबरीले बाल और शांत स्वभाव के राजू के भक्तों की संख्या लाखों में है। देशी-विदेशी सभी तरह के भक्त पुट्टपर्ती के 'प्रशांति निलयम' में इकट्ठा होकर बाबा का दर्शन लाभ लेते थे। इनके चरणों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री शीश नवाते थे। हालांकि 24 अप्रैल 2011 में उनका देहांत हो गया है।
अनिरुद्ध बापू : कहते हैं कि साईं बाबा ने समाधि लेने के पूर्व अपनी कुछ वस्तुएं अपने प्रिय शिष्य को दी थी और कहा था कि मैं जब फिर से जन्म लूंगा तो यह वस्तुएं लेने आऊंगा। तब से ही ये वस्तुएं पीढ़ी-दर-पीढ़ी सुरक्षित रखी गईं, फिर एक दिन एक व्यक्ति ने आकर कहा मेरी वस्तुएं मुझे दो और उक्त वस्तुओं के उसने नाम भी बताए। वह व्यक्ति ही सांई हैं ऐसा अनिरुद्ध के भक्त कहते हैं। अनिरुद्ध जोशी का जन्म 18 नवंबर 1956 में महाराष्ट्र के मुंबई में त्रिपुरारी पूर्णिमा के दिन हुआ। डॉ. अनिरुद्ध जोशी ने भी स्वयं को साईं घोषित कर रखा है। उनके भक्त उन्हें अनिरुद्ध बापू या साईं कहते हैं। ये उक्त सांई जैसा चोगा नहीं पहनते बल्कि सूट-बूट में रहते हैं। इनके भक्त शनिवार के दिन इनकी आराधना करते हैं। उन्होंने अपने नाम का मंत्र भी निकाला है।
प्रेमा साईं : सत्य साईं के जाने के बाद ऐसी भी भविष्यवाणी होने लगी कि साईं बाबा एक बार फिर धरती पर जन्म लेंगे और इस बार वे प्रेमा साईं बाबा के रूप में विख्यात होंगे। कहा जा रहा है कि उनका जन्म कर्नाटक के किसी जिले में होगा। इतना ही नहीं, भविष्यवाणी में प्रेमा साईं बाबा के जन्म का समय भी दर्शाया गया है। दावा किया जा रहा है कि प्रेमा साईं बाबा 2023 से 2025 के बीच धरती पर पुन: अवतरित होंगे। यह शिरडी के साईं बाबा का आखिरी अवतार होगा। जय साईं राम।