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आज के शुभ मुहूर्त

(सप्तमी तिथि)
  • तिथि- श्रावण शुक्ल सप्तमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • जयंती/त्योहार/व्रत/मुहूर्त-श्री तुलसीदास जयंती, मोक्ष सप्तमी, उधमसिंह श.दिवस
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
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गोस्वामी तुलसीदास जयंती, जानें जीवन परिचय, पूजा का शुभ मुहूर्त और प्रमुख रचनाएं

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WD Feature Desk

, बुधवार, 30 जुलाई 2025 (15:58 IST)
Goswami Tulsidas Biography: 31 जुलाई 2025, गुरुवार को हिंदी साहित्य के महान कवि, संत और रामभक्ति शाखा के प्रमुख आधारस्तंभ गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती है। हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उनकी जयंती मनाई जाती है। तुलसीदास जी ने अपनी कालजयी कृति 'रामचरितमानस' के माध्यम से भगवान राम की कथा को जन-जन तक पहुंचाया और भारतीय संस्कृति व सनातन परंपरा में एक अमिट छाप छोड़ी।ALSO READ: राहु और मंगल का षडाष्टक योग क्या होगा 12 राशियों का राशिफल
 
गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय: 
• जन्म: गोस्वामी तुलसीदास का जन्म संवत 1589 वि. (ईस्वी सन् 1532) में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था। उनके जन्मस्थान को लेकर मतभेद हैं, लेकिन अधिकांश विद्वान उत्तर प्रदेश के राजापुर (चित्रकूट) या सोरों (कासगंज) को उनका जन्मस्थान मानते हैं।
 
• बचपन का नाम: जन्म के समय वे रोए नहीं, बल्कि उनके मुख से 'राम' शब्द निकला था, इसलिए उनका नाम रामबोला पड़ गया।
 
• माता-पिता: उनके पिता का नाम आत्माराम दुबे जो एक सरयूपारीण ब्राह्मण थे और माता का नाम हुलसी था।
 
• प्रारंभिक जीवन : कहा जाता है कि जन्म के बाद ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया और उन्हें अपने शुरुआती जीवन में काफी कष्ट झेलने पड़े। उनका पालन-पोषण उनकी दासी चुनिया ने किया, लेकिन वह भी जल्द ही चल बसी।
 
• गुरु दीक्षा: उन्हें नरहरिदास (नरहरियानंद) ने अपना शिष्य बनाया और रामकथा सुनाई। बाद में वे काशी में शेष सनातन से विद्या ग्रहण करने गए, जहां उन्होंने वेद, वेदांग, ज्योतिष और अन्य शास्त्रों का गहन अध्ययन किया।
 
• विवाह और वैराग्य: उनका विवाह रत्नावली नामक एक विदुषी कन्या से हुआ था। कहा जाता है कि रत्नावली से अत्यधिक आसक्ति के कारण एक बार जब रत्नावली अपने मायके गई थीं, तब तुलसीदास उनके पीछे-पीछे चले गए। 
इस पर रत्नावली ने उन्हें फटकारा, 
'लाज न आई आपको दौरे आएहु साथ।
धिक धिक ऐसे प्रेम को कहा कहूं मैं नाथ।।
 
अस्थि चर्ममय देह मम, तामे ऐसी प्रीति।
तैसी जो श्री राम में, होति न तौ भवभीति।।'
 
इस फटकार से तुलसीदास जी को वैराग्य हो गया और उन्होंने अपना जीवन रामभक्ति में समर्पित कर दिया।
 
• प्रमुख रचनाएं:
- रामचरितमानस: यह उनकी सबसे प्रसिद्ध और कालजयी रचना है, जो अवधी भाषा में भगवान राम के जीवन चरित्र का वर्णन करती है।
- हनुमान चालीसा: यह भी उनकी ही रचना मानी जाती है, जो हनुमान जी की स्तुति में लिखी गई है।
- विनय पत्रिका: इसमें भगवान राम और अन्य देवी-देवताओं से की गई प्रार्थनाएं हैं।
- कवितावली, गीतावली, दोहावली, कृष्ण गीतावली, पार्वती मंगल, जानकी मंगल, रामललानहछू आदि उनकी अन्य महत्वपूर्ण रचनाएं हैं।
 
• निधन: गोस्वामी तुलसीदास का निधन संवत 1680 वि. (ईस्वी सन् 1623) में काशी के असी घाट पर हुआ था।
 
तुलसीदास जयंती पर पूजन के शुभ मुहूर्त : Tulsidas Jayanti date n muhurat
तुलसीदास जयंती: गुरुवार, जुलाई 31, 2025 को
श्रावण शुक्ल सप्तमी तिथि का प्रारंभ- 31 जुलाई 2025 को 02:41 ए एम तक।
सप्तमी तिथि समाप्त- अगस्त 01, 2025 को 04:58 ए एम तक।
* ब्रह्म मुहूर्त- 04:47 ए एम से 05:31 ए एम
* प्रातः सन्ध्या- 05:09 ए एम से 06:15 ए एम
* अभिजित मुहूर्त- 12:19 पी एम से 01:11 पी एम
* अमृत काल- 05:32 पी एम से 07:20 पी एम
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: हिन्दी साहित्य के महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती, जानें 10 प्रसिद्ध कहानियां

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