Chanakya Niti: चाणक्य ने धर्म, राजनीति, समाज, दैनिक जीवन, नैतिकता, राष्ट्र और महिला पुरुषों के संबंध सहित कई अन्य विषयों पर भी लिखा है। इसीलिए चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक बनी हुई है। लोग उनकी नीतियों को पढ़ना पसंद करते हैं क्योंकि उनकी नीतियां हर काल में ट्रेंड करती रही है। आज भी लोग उन्हें पढ़ते हैं। जहां तक सवाल नैतिकता का है तो उनके अनुसार 3 कार्य करने के बाद स्नान करना जरूरी है।
1. शमशान घाट से आने के बाद स्नान : चाणक्य नीति ही नहीं अन्य धर्म शास्त्रों के अनुसार भी यह कहा गया है कि श्मशान घाट से आने के बाद पहले स्नान करना चाहिए। क्योंकि शमशान घाट पर कई तरह की नकारात्मक ऊर्जा रहती है और वहां का धुआं लगने के बाद व्यक्ति अपवित्र हो जाता है। वहां पर अंतिम संस्कार की क्रिया के दौरान कई तरह के कीटाणु या जीवाणु सक्रिय हो जाते हैं जिनके बालों और कपड़ों पर चिपकने की संभावना रहती है। ऐसे में स्नान करना जरूरी है। जो ऐसा नहीं करता है वह चांडाल कहलाता है। यह बुरे कर्मों में शामिल कर्म है। इसका दुष्परिणाम भुगतना होता है।
2. तेल मालिश करने के बाद स्नान : यदि आपने तेल मालिश की है तो उसके बाद स्नान करना जरूरी है। स्नान करने से शरीर को फायदा मिलता है। इससे रोम छिद्रों से तेल हट जाता है और शरीर स्वच्छ हो जाता है। यदि स्नान नहीं करेंगे तो शरीर पर जीवाणु और कीटाणु के साथ ही धूल के कण चिपकने की संभावना रहती है।
3. बाल कटवाने के बाद स्नान : यदि अपने बाल कटवाए हैं तो उसके बाद स्नान करना जरूरी है। स्नान करने से शरीर पर चिपके बाल हट जाते हैं। यदि बाल चिपके रहेंगे तो इससे संक्रमण फैलेगा। यह बाल खाने की वस्तुओं में गिर सकते हैं या घर में इधर उधर फैल सकते हैं।