Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(चतुर्दशी तिथि)
  • तिथि- पौष कृष्ण चतुर्दशी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • व्रत/मुहूर्त-शिव चतुर्दशी
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

गुरु पूर्णिमा : गुरु से मिला मंत्र ही देता है पूर्णता

हमें फॉलो करें गुरु पूर्णिमा : गुरु से मिला मंत्र ही देता है पूर्णता
webdunia

पं. उमेश दीक्षित

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा रविवार, 9 जुलाई 2017 को है। इसे व्यास पूजा के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो किसी भी तरह का ज्ञान देने वाला गुरु कहलाता है, लेकिन तंत्र-मंत्र-अध्यात्म का ज्ञान देने वाले सद्गुरु कहलाते हैं जिनकी प्राप्ति पिछले जन्मों के कर्मों से ही होती है।
 
दीक्षा प्राप्ति जीवन की आधारशिला है। इससे मनुष्य को दिव्यता तथा चैतन्यता प्राप्त होती है तथा वह अपने जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच सकता है। दीक्षा आत्मसंस्कार कराती है। दीक्षा प्राप्ति से शिष्य सर्वदोषों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। इसीलिए कहा गया है- 
 
'शीश कटाए गुरु मिले फिर भी सस्ता जान।' 
 
गुरु का महत्व यूं बतलाया गया है-
 
'गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा:/ 
गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।'
 
 
अगले पृष्ठ पर पढ़ें दीक्षा के 8 भेद... 
 
 
webdunia

 
दीक्षा के 8 भेद मुख्य रूप से हैं-
 
1. समय दीक्षा- साधना पथ की ओर अग्रसर करना, विचार शुद्ध करना इसमें आता है। 
 
2. ज्ञान दीक्षा- इसमें विचारों की शुद्धि की जाती है। 
 
3. मार्ग दीक्षा- इसमें बीज मंत्र दिया जाता है।
 
4. शाम्भवी दीक्षा- गुरु, शिष्य की रक्षा का भार स्वयं ले लेते हैं जिससे साधना में अवरोध न हो।
 
5. चक्र जागरण दीक्षा- मूलाधार चक्र जागृत किया जाता है। 
 
6. विद्या दीक्षा- इसमें शिष्य को विशेष ज्ञान तथा सिद्धियां प्रदान की जाती हैं। 
 
7. शिष्याभिषेक दीक्षा- इसमें तत्व, भोग, शांति निवृत्ति की पूर्णता कराई जाती है। 
 
8. पूर्णाभिषेक दीक्षा- इसमें गुरु अपनी सभी शक्तियां शिष्य को प्रदान करते हैं, जैसे स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद को दी थीं।
 


आगे पढ़ें विशेष गुरु मंत्र... 
 
 
webdunia

 


गुरु प्राप्ति इतनी सहज नहीं है। गुरु मंत्रों में से किसी एक का लगातार जप गुरु प्राप्ति करा सकता है, जो निम्नलिखित है -
 
1. ॐ गुरुभ्यों नम:।
 
2. ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।
 
3. ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
 
4. ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।
 
यदि गुरु प्राप्ति हो जाए तो उनसे श्री गुरु पादुका मंत्र लेने की यथाशक्ति कोशिश करें। यही वह मंत्र है जिससे पूर्णता प्राप्त होगी।
 
इस दिन गुरु पादुका पूजन करें। गुरु दर्शन करें। नेवैद्य, वस्त्रादि भेंट प्रदान कर दक्षिणादि देकर उनकी आरती करें तथा उनके चरणों में बैठकर उनकी कृपा प्राप्त करें।
 
यदि गुरु के समीप जाने का अवसर न मिले तो उनके चित्र, पादुकादि प्राप्त कर उनका पूजन करें। इति:।

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कुंडली से जानिए क्यों नहीं मिलता है पारिवारिक सुख