उन्नति चाहते हैं तो गरुड़ पुराण के 6 उपाय आपके लिए हैं...
- ज्योतिर्विद पंडित सोमेश्वर जोशी
गरुड़ पुराण में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जो किसी को भी जीवन में सफलता दिला सकती है।
गरुड़ पुराण के एक श्लोक के अनुसार जिस किसी को भी अपने जीवन में उन्नति की इच्छा हो, उन्हें इन 6 की हमेशा पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
श्लोक-
विष्णुरेकादशी गंगा तुलसीविप्रधेवन:।
असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।
1. भगवान विष्णु : गरुड़ पुराण के अनुसार भगवान विष्णु अपने भक्तों के सभी दुःखों को खत्म करके उनके जीवन में सुख-शांति प्रदान करते हैं। जो मनुष्य रोज अपने दिन की शुरुआत भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करके करता है, उसे अपने काम में सफलता मिलती है। ध्यान रखें, भगवान की पूजा करने से पहले स्नान आदि करके शुद्ध हो जाएं।
2. गाय : गाय को हिन्दू धर्म में पूजनीय माना जाता है। गाय को शरीर के अलग-अलग भागों में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है। जो मनुष्य गाय को देवतुल्य मानकर उसकी पूजा-अर्चना करता है, उसकी सभी परेशानियों का अंत हो जाता है। गाय की पूजा करने और उसे भोजन खिलाने से मनुष्य को अपने जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।
3. गंगा नदी : गंगा नदी को सभी नदियों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। हर किसी को गंगा नदी को देवतुल्य मानकर हमेशा उसकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। किसी भी रूप में गंगा का अपमान न करें। इस बातों का ध्यान रखने वाले मनुष्य को निश्चित ही अपने हर काम में सफलता मिलती है।
4. तुलसी : तुलसी भगवान का ही एक रूप है। तुलसी को अपने घर में लगाना, रोज उसे जल देना और उसकी पूजा करना शुभ माना जाता है। हर किसी को रोज भगवान विष्णु के प्रसाद में तुलसी पत्र रखना चाहिए और विष्णु पूजा के बाद तुलसी पूजा करनी चाहिए।
5. पंडित या ज्ञानी : पंडितों या ज्ञानी मनुष्यों को सम्मान का पात्र समझना चाहिए। कई लोग इनका मजाक उड़ाते हैं, जो कि बहुत ही गलत है। जो मनुष्य ज्ञानी लोगों का सम्मान करता है और उनकी बताई बातों का पालन अपने जीवन में करता है, वह हर परेशानी का सामना आसानी से कर लेता है और हर काम में सफल होता है।
6. एकादशी व्रत :ग्रंथों और पुराणों में एकादशी व्रत को सबसे श्रेष्ठ बताया गया है। पुराणों के अनुसार जो मनुष्य प्रत्येक एकादशी को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखता है, उसे निश्चित ही इसका शुभ फल मिलता है। व्रत करने के अलावा एकादशी के दिन जुआ खेलना, शराब पीना, हिंसा करना आदि काम वर्जित हैं इसलिए एकदाशी पर व्रत करने के साथ ही इन कामों से दूर रहें।