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एक्सीडेंट और दुर्घटनाओं से बचा सकता है ये चमत्कारी मंत्र, हर रोज घर से निकलने से पहले करें सिर्फ 11 बार जाप

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WD Feature Desk

, शनिवार, 28 जून 2025 (16:00 IST)
shri krishna mantra in hindi: आज के दौर में जब हम रोज घर से बाहर निकलते हैं, चाहे ऑफिस के लिए, स्कूल के लिए, यात्रा के लिए या किसी जरूरी काम से, तो एक अनजाना डर हमारे साथ चलता है। आए दिन सड़क हादसों, दुर्घटनाओं और अनहोनी घटनाओं की खबरें सुनने को मिलती हैं। ऐसे में मन में यह सवाल उठता है कि क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे हम खुद को और अपने प्रियजनों को इन अनचाही घटनाओं से बचा सकें?
 
अगर आप भी ऐसा कुछ सोचते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद खास है। यहां हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे प्राचीन मंत्र की, जो ना सिर्फ मानसिक शांति देता है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से दुर्घटनाओं से सुरक्षा का कवच भी बनाता है।
 
मान्यता है कि जो व्यक्ति इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक रोज 11 बार जाप करता है, विशेष रूप से घर से बाहर निकलने से पहले, उसे किसी भी तरह की दुर्घटना या नुकसान से सुरक्षा मिलती है।
 
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। 
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।। 
 
इस मंत्र का अर्थ अत्यंत पवित्र और सुरक्षा देने वाला है:
"भगवान श्रीकृष्ण, जो वासुदेव के पुत्र हैं, हरि हैं, परमात्मा हैं, उन्हें मैं बार-बार नमन करता हूं, जो सभी क्लेशों (कष्टों) का नाश करने वाले हैं।" इस मंत्र में न केवल भगवान श्रीकृष्ण के रूपों का वर्णन है, बल्कि यह भी कहा गया है कि उनका स्मरण करने मात्र से क्लेश, दुःख, भय और दुर्घटनाएं दूर हो सकती हैं।
 
कैसे करें इस मंत्र का जाप?
सुबह जब आप घर से बाहर निकलने की तैयारी करें, तो एक शांत स्थान पर खड़े या बैठे होकर आंखें बंद करें।
तीन गहरी सांसें लें और खुद को श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित करें।
अब इस मंत्र का 11 बार उच्चारण करें:
“कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।।”
 
अगर संभव हो तो यह जाप करते समय भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठें, लेकिन मन से किया गया जाप भी उतना ही प्रभावी होता है।
 
क्या इस मंत्र से सच में एक्सीडेंट टल सकते हैं?
यह सवाल आज के व्यावहारिक और तार्किक युग में हर किसी के मन में आता है। देखिए, यह मंत्र कोई जादू नहीं है, लेकिन आस्था, ध्यान और सकारात्मक ऊर्जा का अद्भुत संगम जरूर है। जब हम किसी दिव्य शक्ति से जुड़ते हैं और खुद को पूरी निष्ठा से उसके संरक्षण में सौंपते हैं, तो हमारे सोचने, प्रतिक्रिया देने और जोखिम से निपटने की क्षमता बढ़ती है।
 
इसके अलावा, मंत्र जाप से उत्पन्न आत्मिक शक्ति और अलर्टनेस ही असल में हमें कई बार दुर्घटनाओं से बचा लेती है, क्योंकि सतर्क मन ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। 
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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