इंदौर। आज से 150 दिन पहले 6-7 युवाओं के मन में आया कि समाज हित में कुछ किया जाए। तय हुआ कि महीने में एक-दो बार जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाया जाए। अगले ही दिन लगभग 400 लोगों के लिए रोटी-सब्जी और नमकीन चावल पकवाए गए और तय किया गया कि यह भोजन जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।
ऐसे समय गुरुजी (श्री पुरुषोत्तम नारायण कोरान्ने) ने सुझाया कि एमवाय अस्पताल जाओ, क्योंकि वहां व्यक्ति दूरदराज से आता है। वह पीड़ित है और कामकाज छोड़कर यहां अपना इलाज करवाने आया है। गुरुजी की सलाह पर अस्पताल पहुंचे और वहां भोजन वितरण किया।
इससे सभी युवा साथियों को अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई। तय हुआ कि इस कार्यक्रम को मिशन का रूप देकर लंबे समय तक चलाना है। इसके लिए और लोगों को जोड़ने की आवश्यकता महसूस हुई। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। कारवां बढ़ता गया और 6-7 दोस्तों की लिस्ट में अब 30 से ज्यादा लोग हो गए।
फिर सबने मिलकर तय किया कि अगले दिन फिर भोजन वितरण करवाया जाए...। सो अगले दिन फिर व्यवस्थाएं जुटाकर भोजन वितरण किया गया। बस अब क्या था? 30 लोगों की सूची अब 60 से ज्यादा लोगों की हो गई थी। तय हुआ कि रोज भोजन बांटा जाए। बस तब से लगातार अन्नपूर्णा मां की कृपा और भोजन सामग्री के प्रबंधकों के सहयोग से ये सिलसिला आज 150 दिन पूरे कर रहा है।