इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में शनिवार रात 2 पक्षों के विवाद में एक ही परिवार के 5 सदस्यों समेत कम से कम 7 लोग घायल हो गए। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
उधर, मुस्लिम समुदाय के पीड़ित परिवार के लोगों का आरोप है कि दूसरे पक्ष ने उन्हें हिंदू बहुल पिवड़ाय गांव को नौ अक्टूबर तक खाली करने का फरमान सुना दिया था और इसे नहीं माने जाने पर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया।
पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर पिवड़ाय गांव में शनिवार रात हुए विवाद में दो पक्षों के कुल सात लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें एक ही मुस्लिम परिवार के पांच लोग तथा हिंदू पक्ष के दो व्यक्ति शामिल हैं। साथ ही कहा कि घायलों को सामान्य चोटें आई हैं।
जैन ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया कि तय तारीख तक हिंदू बहुल गांव खाली करने का फरमान नहीं माने जाने पर मुस्लिम परिवार पर भीड़ ने हमला कर दिया। सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग ले रही इस घटना को दो पक्षों के बीच विवाद का सामान्य मामला बताते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा, दोनों पक्षों के खिलाफ एक-दूसरे की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (आपराधिक धमकी) और 147 (बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जैन के मुताबिक पिवड़ाय गांव में संबंधित मुस्लिम परिवार लोहे का सामान बनाने का काम करता है और इस सामान की मरम्मत को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद के कारण शनिवार रात की हिंसक घटना सामने आई।
बहरहाल, पीड़ित परिवार के नजदीकी रिश्तेदार फजलुद्दीन ने कहा, पिवड़ाय में रहने वाले मेरे नवासे ने बताया कि अन्य पक्ष ने उसके परिवार को दो-तीन महीने पहले धमकी देकर नौ अक्टूबर तक यह गांव खाली करने का फरमान सुना दिया था। इस तारीख तक गांव खाली नहीं किए जाने पर 30-40 ग्रामीणों ने शनिवार रात उसके परिवार पर हमला कर दिया।
उन्होंने कहा कि भीड़ के हमले में उनके परिवार की दो महिलाओं समेत पांच लोग घायल हुए हैं। फजलुद्दीन ने आरोप लगाया कि इस परिवार पर लोहे का सामान बनाने के उसके ही कारखाने के औजारों से हमला किया गया।पीड़ित परिवार की कानूनी मदद के लिए सक्रिय वकील एहतेशाम हाशमी ने आरोप लगाया कि इस परिवार पर धार्मिक भेदभाव के कारण हमला किया गया। उन्होंने कहा, हम इस मामले में उचित कानूनी कदम उठा रहे हैं।(भाषा)