इंदौर। शुक्रवार दोपहर शहर में हुई भीषण स्कूल बस-ट्रक दुर्घटना ने शहरवासियों को झकझोरकर रख दिया। जिसने भी इस दर्दनाक घटना के बारे में सुना-देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए। चौंकाने वाली बात है कि इस दुर्घटना में इंदौर आरटीओ भी सवालों के घेरे में आ गया है क्योंकि स्कूल बस को आरटीओ की ओर से जो फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया गया है, उस पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जिस बस का एक्सडेंट हुआ है, वो 14 साल पुरानी थी और उसका फिटनेस सर्टिफिकेट 26 दिसंबर 2017 को रिन्यू हुआ था। अब सवाल उठता है कि जब सड़क दुर्घटना का कारण स्टीयरिंग का फेल होना बताया जा रहा है तो फिर बस फिटनेस में कैसे पास हुई?
घटना को लेकर सवाल उठाया जा रहा है कि स्कूली बच्चों को ड्राइवर के पास कैबिन में क्यों बिठाया गया? वहीं दूसरी ओर जब बस 14 साल पुरानी थी, तो सवाल उठता है कि उसे और कितने साल उपयोग में लाया जा सकता है?
बस की गति को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि बस में गति नियंत्रक भी नहीं लगा था, जिसके जरिए बस को नियंत्रित किया जाता है। कलेक्टर के सख्त आदेश है कि सभी स्कूल बसों में गति नियंत्रक अनिवार्य रूप से लगा हो लेकिन दुर्घटनाग्रस्त बस ने इसमें भी लापरवाही की। इन सभी सवालों को लेकर इंदौर आरटीओ भी सवालों के घेरे में आ गया है।