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13 दिन बाद भी डिकोड नहीं हुआ लापता अर्चना तिवारी का केस, अब ग्‍वालियर के कॉन्‍स्‍टेबल की एंट्री, जिसने किया था अर्चना का टिकट

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 19 अगस्त 2025 (12:39 IST)
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित अर्चना तिवारी मिसिंग केस में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कटनी जिले की रहने वाली 29 साल की अर्चना तिवारी पिछले 13 दिनों से लापता है। वह इंदौर में सिविल जज की तैयारी कर रही थीं। रक्षाबंधन के पहले 7 अगस्त को इंदौर से घर के लिए निकली, लेकिन चलती ट्रेन में से रहस्यमय ढंग से लापता हो गई।

अर्चना को ढूंढने के लिए मध्यप्रदेश के चार जिलों की पुलिस का सर्च ऑपरेशन चला रही है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। अब इस मामले में ग्वालियर के एक पुलिस आरक्षक का नाम सामने आया है, जिसने अर्चना का टिकट करवाया था। दोनों की फोन पर बात भी हुई थी। आरक्षक का नाम सामने आने से यह केस और ज्‍यादा उलझ गया है।
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क्‍या है ग्वालियर कनेक्शन : अब इस हाईप्रोफाइल मामले में राम तोमर नाम के आरक्षक का नाम सामने आ रहा है। राम तोमर ग्वालियर के भंवरपुरा थाने में तैनात है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही हे। अब तक की जांच में सामने आया है कि राम तोमर ने ही अर्चना तिवारी का इंदौर से ग्वालियर तक का ट्रेन टिकट बुक कराया था। इस खुलासे के बाद ग्वालियर रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने आरक्षक राम तोमर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। राम तोमर ने टिकट बुक करने की बात स्वीकार की है। हालांकि उसका दावा है कि अर्चना ने इस टिकट का इस्तेमाल ही नहीं किया। पूछताछ में यह भी पता चला है कि राम तोमर और अर्चना ने टिकट बुकिंग से पहले फोन पर बात की थी। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि दोनों एक दूसरे के संपर्क में रहे हैं और एक दूसरे को जानते हैं। हालांकि मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

नर्मदापुरम से पहले क्‍यों बंद हो गया अर्चना का फोन : 7 अगस्त को इंदौर से निकली अर्चना तिवारी भोपाल तक परिवार से संपर्क में रही। इसके बाद अचानक उसका मोबाइल नर्मदापुरम के पास नर्मदा नदी पुल के पहले बंद हो गया। बताया जा रहा है कि कटनी पहुंचना तो दूर अर्चना ट्रेन से कहीं उतरी भी नहीं।

भोपाल तक अपनी सीट पर थी : हादसे के बाद पुलिस की जांच में सामने आया था कि अर्चना भोपाल तक ट्रेन में अपनी सीट पर ही थी। लेकिन उसके बाद वह रहस्यमय ढंग से गायब हो गई। कटनी पहुंचने से पहले जब परिजनों ने उसे फोन किया तो उसका फोन बंद आया। अर्चना कटनी में नहीं उतरी तो तत्काल ही उमरिया के रिश्तेदारों को फोन किया गया। नर्मदा एक्सप्रेस जब उमरिया में रुकी तो जिस सीट पर अर्चना बैठी थी, वहां उसका बैग मिला। अर्चना तिवारी के लापता होने की खबर ने प्रदेशभर में सनसनी फैला दी है। परिवारजन लगातार उसकी खोजबीन में जुटे हुए हैं और पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल

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